Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता वकील से कहा कि इस मामले की सुनवाई करने में हाईकोर्ट भी सक्षम है। आप वहां पिटीशन दायर करें। चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जाहिर तौर पर यह बहुत गंभीर और परेशान करने वाली घटना है। लेकिन कोर्ट इस मामले पर विचार नहीं कर सकती है। बता दें कि 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी।

हाईकोर्ट भी सशक्त अदालतें हैं, वहीं जाएं: सुप्रीम कोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर दायर जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि हर मामले को अनुच्छेद 32 (मौलिक अधिकारों को लेकर SC से संपर्क करने का अधिकार) के तहत दायर करने की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट भी सशक्त अदालतें हैं और वे इस तरह के मामलों से निपटने में सक्षम हैं। आप उच्च न्यायालय में याचिका लगाएं। 
  • बता दें कि याचिकाकर्ता वकील ने उत्तर प्रदेश सरकार को भगदड़ मामले पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने, अधिकारी-कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की मांग की थी। साथ ही हाथरस भगदड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की थी।

सत्संग में कैसे मची थी भगदड़?
हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई को साकार विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सत्संग शुरू हुआ। सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति के बावजूद करीब ढाई लाख से अधिक लोग आ गए। बाबा के सत्संग समाप्ति की घोषणा के साथ ही बाबा की प्राइवेट आर्मी ने कार्यक्रम स्थल की सारी व्यवस्था को पूरी तरह से कब्जे में ले लिया था। लेकिन यहां मौजूद भीड़ को संभालने के लिए बाबा की प्राइवेट आर्मी और पुलिसकर्मी पर्याप्त नहीं थे। चश्मदीदों के अनुसार, जब भोले बाबा का काफिला निकला, तो भीड़ को रोक दिया गया। इसी बीच, चरणों की रज लेने के लिए बाबा के अनुयायी अनियंत्रित हो गए। भगदड़ में लोग मरते रहे और बाबा के गुर्गे कारों से भाग निकले।

भगदड़ मामले में इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मोर्चा संभालने के बाद यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सत्संग आयोजन समिति से जुड़े चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में राम लडैते यादव (मैनपुरी), मंजू यादव (हाथरस), उपेंद्र सिंह यादव (फिरोजाबाद), मंजू देवी यादव (हाथरस), मेघ सिंह (हाथरस) और मुकेश कुमार (हाथरस) शामिल हैं। ये सभी सेवादार हैं। जबकि मुख्य आरोपी और बाबा के करीबी देवप्रकाश मधुकर ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया।