Union Budget 2024 Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। यह सीतारमण का छठा बजट था। अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा फोकस गरीब, महिलाएं, अन्नदाता और युवाओं पर किया गया। साथ ही रक्षा बजट में 11.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। लगातार दूसरा साल है जब रक्षा बजट बढ़ाया गया है। 

भारत में 8 लाख से अधिक सैन्यकर्मी हैं। यदि पेंशनर्स भी इसमें शामिल कर लें तो यह संख्या 14 लाख पहुंच जाती है। केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अपने सैन्य बलों को आधुनिक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिनमें उन्नत हथियारों की खरीद और निर्माण, साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कर्मियों की संख्या में वृद्धि शामिल है।

आइए जानते हैं कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन अपने रक्षा बजट पर कितना खर्च करते हैं? भारत की क्या स्थिति है? एक रिपोर्ट... 

Indian Army

पहले बात भारत की: 6.2 लाख करोड़ रुपए आवंटित
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय को 6.2 लाख करोड़ रुपए आवंटित किया है। यह पिछले साल की तुलना में 11.1 फीसदी अधिक है। 2022-23 वित्तीय सत्र में रक्षा मंत्रालय का बजट 5.94 लाख करोड़ रुपए ($73.8 बिलियन) था। जो 2022-23 की तुलना में 13 फीसदी अधिक था।

पाकिस्तान ने बढ़ाया बजट, फिर भी भारत से कम
जून 2023 में पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार ने नेशनल एसेंबली में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया था। रक्षा खर्च में 2022 की तुलना में 15.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। कुल रक्षा बजट 1.8 लाख करोड़ रुपए रखा था। 2022 में 1.52 लाख करोड़ रुपए का रक्षा बजट था। पाकिस्तान ने 2020 के बाद पहली बार डिफेंस का बजट बढ़ाया था।   

Pakistan Army

चीन का रक्षा बजट 10.57 लाख करोड़ से अधिक
2023 में चीन का आम बजट अनुमानित 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था। जबकि खर्च 27.5 ट्रिलियन डॉलर निर्धारित किया गया था। वहीं, रक्षा बजट 227.8 बिलियन डॉलर (10.57 लाख करोड़) निर्धारित किया गया था, जो कि 2022 के मुकाबले 7.2 प्रतिशत अधिक था।

यह भारत के रक्षा बजट से 4.37 लाख करोड़ रुपए अधिक और अमेरिका के रक्षा बजट से कम है। अमेरिका का 2023-24 में रक्षा बजट 797.7 बिलियन डॉलर था। दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका अपनी सेना पर खर्च करती है। 

China Army

दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना भारतीय
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना के रूप में स्थान दिया गया है।