Google CEO: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को मुंबई कोर्ट ने एनजीओ ध्यान फाउंडेशन और इसके संस्थापक योगी अश्विनी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक वीडियो को लेकर कोर्ट का आदेश पालन नहीं करने पर नोटिस भेजा है। यह नोटिस 21 नवंबर को बैलार्ड पियर में अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जारी किया गया था।

ध्यान फाउंडेशन, एक पशु कल्याण संगठन है जिसने अक्टूबर 2022 में अवमानना ​​​​याचिका दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया था कि YouTube ने भारत के बाहर भी वीडियो की मेजबानी जारी रखी, जो अपमानजनक और उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला है।

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सुंदर पिचाई को अवमानना ​​नोटिस क्यों जारी किया गया है?
सुंदर पिचाई को नोटिस 'पाखंडी बाबा की करतूत' शीर्षक वाले अपमानजनक वीडियो को हटाने के निर्देश देने वाले अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर जारी किया गया है। अदालत के पिछले निर्देश के बावजूद यू ट्यूब से वीडियो को हटाया नहीं गया और लोग उसे आज भी देख रहे हैं। इसके कारण Google के कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। 

ध्यान फाउंडेशन ने लगाई थी याचिका 
इस मामले में ध्यान फाउंडेशन ने अवमानना ​​याचिका पिछले साल यानी 2023 में अक्टूबर में दायर की थी और पिछले हफ्ते नोटिस जारी किया गया था। एनजीओ ने कहा कि Google ने  जानबूझकर उस वीडियो को नहीं हटाया, जिसमें उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा सके। एनजीओ ने अपने बयान में कहा, "Google देरी की रणनीति अपना रहा था और मामूली आधार पर स्थगन की मांग कर रहा था। इसके कारण ध्यान फाउंडेशन और योगी अश्विनी जी के बेदाग चरित्र और प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ।"

नोटिस पर गूगल ने क्या कहा है?
आईटी अधिनियम के तहत मध्यस्थ प्रतिरक्षा का दावा करते हुए यूट्यूब ने तर्क दिया कि मानहानि अधिनियम की धारा 69-ए में सूचीबद्ध श्रेणियों के अंतर्गत नहीं आती है। मंच ने कहा कि ऐसी शिकायतों का समाधान दीवानी अदालतों में किया जाना चाहिए, आपराधिक अदालतों में नहीं।

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