Chamunda Devi Temple: धर्म नगरी उज्जैन से लगभग 65 किलोमीटर दूर और रतलाम से लगभग 40 किलोमीटर दूर बड़नगर के तहसील में एक गांव है गजनी खेड़ी, यहां चंड मुंड का संघार करने वाली मां चामुंडा का बहुत ही प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक मंदिर है। मां शारदा ज्योतिष पीठ के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम ने बताया कि माना जाता है की माता की प्रतिमा यहां पर दिन में तीन बार अपना रंग बदलती है।

दिन में तीन बार रूप बदलती है मां
इस मंदिर के बारे में अनेक तरह की धारणाएं एवं लोक कथाएं प्रचलित हैं सर्वप्रथम यह माना जाता है की मां दिन में अपना तीन रूप धारण करती है मतलब की तीन बार अपना रंग बदलती है सुबह एक छोटी सी बालिका का स्वरूप दिखाई देता है तो दोपहर में युवावस्था की प्रतिमा दिखाई देती है संध्या को विद्या अवस्था में माता का स्वरूप दिखाई देता है।

 


इन सब चीजों को नियमित आने वाले श्रद्धालु अपने आत्मा से महसूस करते हैं एक मान्यता यह भी है कि महमूद गजनबी ने जब यहां पर आकर आक्रमण किया था तब मंदिर को काफी तोड़ा था जिसके अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं महमूद गजनवी की फौज बहुत ही लंबे समय तक यहां पर रुकी थी इस वजह से भी इस स्थान का नाम गजनी खेड़ी पड़ा है यह माना जाता है यहां फौजी का पड़ाव नामक एक बहुत ही बड़ा मैदान था जो आज भी देखने को मिलता है।

माता हर कष्टो को करती है दूर
यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है की माता के यहां आने मात्र से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं या किसी की कोई विशेष मनौती या कार्य होता है उसके लिए लोग मां के दर्शन पूजन करने के बाद अपनी अर्जी मान के चरणों में लगा देते हैं और चमत्कारिक रूप से कुछ समय बाद ही वह कार्य पूरा हो जाता हैनवरात्र में विशेष रूप से इस मंदिर में बहुत ही ज्यादा भीड़ भाड़ रहती है आस्था का यह विशेष केंद्र माना जाता है।