Dhanteras 2024: धनतेरस हिंदुओं का बड़ा त्यौहार है। जो दीपावली के पहले मनाया जाता है। धनतेरस का मतलब होता है धन और समृद्धि का पर्व। 'धन' का अर्थ है संपत्ति और 'तेरस' का अर्थ है तेरहवीं तिथि। यहां जानते हैं कोटा राजस्थान के जाने माने प्रसिध्द ज्योतिषाचार्य पंडित श्याम नंदन मिश्रा से धनतेरस के शुभ मुहूर्त और पूजा का समय।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, जो इस साल मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। धनतेरस से ही दिवाली का पांच दिनों का पर्व शुरू हो जाता है। इस दिन विशेष रूप से सोना, चांदी, बर्तन और नई वस्तुएं खरीदना काफी शुभ माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
कोटा राजस्थान के जाने माने प्रसिध्द ज्योतिषाचार्य पंडित श्याम नंदन मिश्रा ने बताया कि मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस पर अगर आप भी खरीदारी करना चाह रहे हैं तो शुभ मुहूर्त और पूजा का समय शाम 6:43 से 8:21 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्थिर लग्न, प्रदोष काल व लाभ का चौघड़िया भी रहेगा।
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दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित श्याम नंदन मिश्रा ने बताया धनतेरस के दिन दीपक जलाना काफी शुभकारी माना जाता है। यम दीपक का शुभ मुहूर्त मंगलवार, 29 शाम 5:48 से 7:04 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप अपने घर आंगन या ऑफिस में दीया जला सकते हैं।
धनतेरस से होती है दीवाली की शुरुआत
उन्होंने बताया कि त्रयोदशी 29 अक्टूबर को प्रात: 10:31 बजे से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। इस दौरान धनतेरस के संबंधित आप सभी कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। धनतेरस के दिन से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत मानी जाती है।
धनतेरस पूजा विधि
- धनतेरस पर पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद की जाती है।
- पूजा की शुरुआत करने से पहले आपको उत्तर दिशा की तरफ आप एक चौकी रखना है।
- उसके ऊपर लकड़ी का पटरा रखकर उस पर कपड़ा बिछाएं और उसमें कुबेर भगवान की मूर्ति की स्थापना करें।
- इसके बाद एक एकमुखी घी का दीपक जलाएं और मीठा का भोग लगाएं।
- अंत में कुबेर देवता के मंत्र ह्रीं कुबेराय नमः, ओम ह्रीं कुबेराय नमः का जप करें।