Ganesh Sthapana Vastu Direction: 7 सितंबर 2024, शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में मनाया जाएगा। इस दिन को गणेश जी के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। भारतवर्ष में अधिकांश घरों में गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति जी की मिट्टी की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित की जाती है। इस दिन गणेश जी की मूर्ति घर में लाने से पहले उसके रंग का अवश्य ध्यान रखें। चलिए जानते है किस कलर की गणेश मूर्ति सही आदर्श स्थापित करेगी। 

वास्तुशास्त्र के मुताबिक,  घर में शांति और संपन्नता के लिए सफेद रंग और सेल्फ ग्रोथ के लिए सिंदूरी रंग की गणेश मूर्ति घर में स्थापित करें। ध्यान रखें, गणेश मूर्ति में भगवान की पीठ घर के बाहर की तरफ होनी चाहिए। गणपति जी को शुभता के प्रतीक लाल, पीले और गोल्डन रंग के कपड़े प्रिय होते है। 

गणेश जी स्थापना के लिए वास्तु डायरेक्शन
(Ganesh Sthapana Vastu Direction)

वास्तुशास्त्र के मुताबिक, गणेश जी की मूर्ति को बेडरूम, गैरेज या कपड़े धोने वाली जगह पर स्थापित नहीं करना चाहिए। यही नहीं, गणपति जी की मूर्ति को सीढ़ियों के नीचे, बाथरूम के नजदीक, गैरेज और कार पार्किंग वाले स्थान पर रखना भी गलत माना गया है। वास्तु शास्त्र की मानें तो, सफेद रंग की गणेश मूर्ति को उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थापित करें। वहीं, यदि गणपति जी की मूर्ति नारंगी रंग की है तो, दक्षिण दिशा में स्थापित करें। ये सभी दिशाएं शुभ होती है। 

गणेश मूर्ति का महत्व
(Ganesh Murti Benefits)

न सिर्फ गणेश चतुर्थी बल्कि हर घर में गणपति जी की मूर्ति होना शुभ माना गया है। गणेश जी की मूर्ति गुड लक यानी शुभता का प्रतीक होती है। गणपति जी की मूर्ति से हमें जीवन की कई महत्वपूर्ण सीखें मिलती है, जिसमें बड़ा सोचने के लिए 'बड़ा सिर', बातों को सावधानी से सुनने के लिए 'लंबे कान', एकाग्रता के लिए 'छोटी आंखें' व एक दांत, कम बोलने के लिए 'छोटा मुंह', सभी बातों को स्वीकार करने के लिए 'लंबी सूंड़' और अहंकार को समेटने के लिए चार हाथ। इन सब के अलावा गणेश जी की मूर्ति में बप्पा का एक पैर ऊपर उठा हुआ और दूसरा जमीन पर, से आशय है व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक होना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।