Tortoise Vastu Tips in Home: सनातन धर्म में कछुए को भगवान विष्णु के स्वरुप के तौर पर देखा जाता है। दरअसल, समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कच्छ रूप धारण कर सृष्टि को संतुलित करने का काम किया था। यही वजह है कि कछुआ हिंदू परिवारों में पूज्यनीय माना गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर या कार्यस्थल पर असली या धातु का कछुआ रखना शुभ होता है। लेकिन अधिकांश को कछुआ रखने की सही दिशा पता नहीं होती है। चलिए जानते है- 

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, धातु के कछुए या जीवित कछुए को घर की उत्तर में रखना चाहिए। इस दिशा में कछुए को रखने से घर-परिवार में धन की आवक आती है। साथ ही सुख-समृद्धि, सकारात्मकता और प्रचुरता का संचार होता है। यही नहीं परिवार के सदस्यों की उम्र भी बढ़ती है। 

घर में कछुआ रखने से जुड़े वास्तु उपाय
(Kachhua Rakhne Ke Vastu Upay) 

  • - कछुए को घर में आरामदायक जगह पर रखना चाहिए। लेकिन भूलकर भी इसे दक्षिण दिशा में न रखें, अन्यथा धन हानि होने की संभावना बढ़ने लगती है। 
  • - कुछ लोग कछुए को घर में मुख्य द्वार पर रखते है, वास्तु अनुसार यह अच्छा है। क्योंकि घर के प्रवेश द्वार पर कछुए को रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है। लेकिन ध्यान रखें, घर के प्रवेश द्वार पर कछुए को जमीन पर न रखें। इसके लिए आप एक स्टूल अथवा टेबल उपयोग में ले सकते हैं। 
  • - कछुए को बेडरूम में रखने से नींद न आने की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा बच्चों के स्टडी रूम में कछुआ रखने पर पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही व्यवसाय स्थल पर कछुआ रखने से धन की आवक बढ़ने लगती है। 
  • - कॉपर को छोड़कर आप किसी भी धातु का कछुआ घर में रख सकते है। जिस पात्र में आप कछुए की मूर्ति को रख रहे है, उसमें प्रतिदिन स्वच्छ पानी भरें। साथ ही उसमें कुछ सिक्के भी डाल दें। ध्यान रखें कछुए की पूंछ 'उत्तर दिशा' में हो। 

किस दिशा में रखें कछुए की मूर्ति? 
(Ghar me Kachua Rakhne Ki Sahi Disha) 

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में कछुए की मूर्ति को हमेशा उत्तर दिशा में रखना चाहिए। बताया जाता है कि, उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी वास करती है। इसलिए इस दिशा में सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बना रहता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।