Grahan 2024 : विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। इस खगोलीय घटना को कई अंधविश्वासों की साथ जोड़ दिया गया है, और माना जाता है कि ये खगोलीय घटना हमारे लिए शुभ नहीं होती। हिन्दू धर्म में ग्रहण के दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है। साथ ही ग्रहण के समय मंदिरों में प्रवेश की अनुमति भी नहीं मिलती। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान कुछ काम करने की मनाही होती है, और कुछ कामों को करना अच्छा माना जाता है। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठता है, कि क्या ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना चाहिए, तो चलिए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से ग्रहण के दौरान पूजा पाठ किया जा सकता है या नहीं।

क्या ग्रहण के दौरान पूजा कर सकते हैं ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए। यही कारण है कि ग्रहण के कुछ घंटे पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, और मंदिरों के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार ग्रहण के दौरान हमें आंतरिक मन की पूजा करनी चाहिए। सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान हमारे शरीर के भाव प्रभावित होते हैं। इनसे बचने के लिए आंतरिक पूजा करना शुभ माना गया है। ग्रहण के दौरान मूर्ति पूजन नहीं करना चाहिए, लेकिन मन में किसी भी तरह की पूजा करने की मनाही नहीं है।

क्या सूतक काल में पूजा कर सकते हैं ?
चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के कुछ समय पहले सूतक काल शुरू होता है। इसमें पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। इसी वजह से सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और इस दौरान घरों में भी पूजा करने की मनाही होती है। ग्रहण के दौरान पूजा पाठ नहीं कर सकते लेकिन मंत्रों का जप किया जा सकता है। आप अपने घर में ही मानसिक रूप से ही मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

(रुचि राजपूत)