Shardiya Navratri Maha Upay: सनातन धर्म में जसवंत या गुड़हल फूल का बहुत ही विशेष महत्व है। इस फूल का संबंध मां दुर्गा से हैं। माना जाता है कि यह भूल माता को बेहद ही प्रिय है। माता को इस फूल से बनी माला को अर्पित किया जाता है। इस फूल से नवरात्रि में मां दुर्गा का विशेष श्रृंगार और पूजा किया जाता है। इस फूल का रंग लाल होता है। इसे देवी फूल के नाम भी जाना जाता है। मान्यता है कि गुड़हुल के फूल से कई सारे उपाय और टोटके किए जाते हैं। तो आज इस खबर में गुड़हुल के 5 चमत्कारी टोटके के बारे में जानते हैं।

गुड़हल फूल के चमत्कारी उपाय

शारदीय नवरात्रि के दिनों में दोपहर के समय में आधा खिला हुआ गुड़हुल का फूल तोड़ें और माता रानी को अर्पित करें। उसके बाद उस फूल को प्रसाद के तौर पर लोगों में बांट दें। मान्यता है कि इस प्रसाद को खाने से सारे नकारात्मक ऊर्जाएं खत्म हो जाती हैं। साथ ही, इसका विशेष लाभ भी मिलता है।

यदि आप कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों से परेशान है और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के दिनों में लाल गुड़हल के फूल का पौधा लगाएं। साथ ही, मां दुर्गा को भी अर्पित करें। मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं। साथ ही, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन माता की आराधना में गुड़हल का फूल जरूर शामिल करें। मान्यता है कि इन दिनों गुड़हल का फूल शामिल करने से धन संबंधित सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही, माता रानी का आशीर्वाद भी मिलता है।

यदि आपके कारोबार में घाटा लग रहा है और आप इसमें सफलता और लाभ पाना चाहते हैं तो प्रत्येक दिन माता दुर्गा को 5 गुड़हल के साथ 5 पीले गुड़हल का फूल अर्पित करें। इसके साथ ही, मिठाई, बताशा, रसगुल्ला का भोग अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से माता दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं। इसके साथ ही नौकरी, कारोबार में लाभ ही लाभ होता है।

शारदीय नवरात्रि में जिस दिन कन्या पूजन करते हैं, उस दिन सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान करें। उसके बाद देवी स्वरूपा कन्याओं को भोजन करवाएं। भोजन करने के दौरान गुड़हल का पुष्प अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सारे बिगड़े हुए कार्य बनने लगेंगे। घर में सुख-शांति आने लगेंगी।

यह भी पढ़ें- आज इस मंत्र से करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानें पूजा का महत्व

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।