17 Apr 2024
अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद रामलला की यह पहली रामनवमी है।
इस रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक तक लाया गया।
इस दौरान करीब 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण दिखाई दी।
वैज्ञानिकों के बताए अनुसार सूर्यतिलक के लिए ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम को डिजाइन किया गया है।
राम मंदिर की तीसरी मंजिल पर 4 लेंस और 4 शीशों को लगाकर रामलला के मस्तिष्क तक सूर्य की किरणों को पहुंचाया गया।
हिंदी कैलेंडर के अनुसार 19 वर्षों के चक्र को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल फिजिक्स और सीबीआरआई ने सूर्यतिलक को डिजाइन किया है।
राम नवमी के दिन सूर्य की रोशनी रामलला के ललाट पर पड़ी, ऐसे भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया गया।