india vs australia 4th test pitch: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट खेला जाएगा। फिलहाल, सीरीज 1-1 से बराबर है। ऐसे में दोनों टीमें इस टेस्ट को जीतकर सीरीज में बढ़त लेना चाहेगी। इसके लिए पिच का साथ मिलना बेहद जरूरी है। BGT 2024 के पिछले 3 तीनों टेस्ट में विकेट तेज गेंदबाजों के अनुकूल रहा था। ऐसे में बॉक्सिंग डे टेस्ट में पिच कैसी होगी? इस पर दोनों देशों के टीम मैनेजमेंट की नजर होगी।
भारत के लिए अच्छी बात ये रही कि मेलबर्न में उसका रिकॉर्ड शानदार है। भारत ने 2020-21 और 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न टेस्ट में जीत हासिल की थी। पिछली बार जब टीम इंडिया यहां टेस्ट खेली थी, तब दो स्पिनर उतरे थे। इस बार टीम इंडिया किस कॉम्बिनेशन के साथ उतरेगी, ये देखना होगा क्योंकि आर अश्विन ब्रिसबेन टेस्ट के बाद संन्यास ले चुके हैं। उनके स्थान पर ब्रिसबेन में रवींद्र जडेजा खेले थे और उन्होंने अर्धशतक ठोका था। ऐसे में उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है। वहीं, अश्विन के रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में वॉशिंगटन सुंदर हैं। अब देखना होगा कि भारत एक या दो स्पिनर के साथ उतरता है।
इस बीच, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के पिच क्यूरेटर मैट बड़ा खुलासा किया है। पेज ने खेल के आगे बढ़ने के साथ पिच के टूटने की संभावना से इनकार किया है। बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान मेलबर्न में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसे में पिच का बर्ताव कैसा होगा, ये बड़ा दिलचस्प हो जाता है।
मेलबर्न में स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलेगी या नहीं?
क्यूरेटर ने पिच को लेकर कहा, 'स्पिनर? ओह, विकेट वास्तव में टूटता नहीं है और यहां गेंद बहुत स्पिन नहीं होगी। अगर आप पिछले चार या पांच सालों में लंबे प्रारूप के मुकाबलों को देखें, तो वो विकेट स्पिन गेंदबाजों की तुलना में तेज गेंदबाजों के अधिक अनुकूल रहे हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यहां इसमें कोई बदलाव होगा।'
2010 से अब तक ऑफ स्पिनर नाथन लायन ने मेलबर्न में सबसे ज्यादा 45 विकेट लिए हैं- जो पैट कमिंस से 10 ज़्यादा हैं, जो इस सूची में दूसरे नंबर पर हैं। अश्विन ने भी यहाँ तीन टेस्ट में 14 विकेट लिए हैं और अतिरिक्त उछाल का अच्छा इस्तेमाल किया है। ऐसे में विकेट में स्पिन गेंदबाजों के लिए भी मदद जरूरी होगी।
पिच पर 6 मिमी की ग्रास कवरिंग है
पिच क्यूरेटर पेज ने पिच पर मौजूद ग्रास कवर को लेकर कहा कि हम विकेट पर 6 मिमी घास छोड़ेंगे ताकि नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिल सके। पेज ने कहा, 'सात साल पहले, पिच काफी सपाट थी। हम रोमांचक मुकाबले और रोमांचक टेस्ट मैच बनाना चाहते हैं, इसलिए हम अधिक घास छोड़ते हैं- इससे गेंदबाजों को समीकरण में शामिल किया जाता है। लेकिन नई गेंद के चमक खो देने के बाद विकेट बल्लेबाजी के अच्छा होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पिच गाबा या पर्थ की पिचों की रफ्तार से मेल खाएगी, तो पेज ने जवाब दिया, 'आप तुलना नहीं कर सकते। इन दिनों ऑस्ट्रेलिया की हर पिच बहुत अलग है। पर्थ में गति और उछाल है, और अगर गर्मी है तो दरारें पड़ जाती हैं। एडिलेड में गुलाबी गेंद रात में घूमती है। गाबा तेज, उछाल वाली और सीम वाली है। मेलबर्न में ऐसा नहीं होगा।'