Shakib Al Hasan farewell test: शाकिब अल हसन ने भारत दौरे पर ये इच्छा जताई थी कि वो बांग्लादेश में अपना आखिरी टेस्ट खेलना चाहते हैं। क्रिकेट बोर्ड ने भी साउथ अफ्रीका के खिलाफ 21 अक्तूबर से मीरपुर में खेले जाने वाले पहले टेस्ट के लिए शाकिब को स्क्वॉड में शामिल किया है। लेकिन, बांग्लादेश में उनकी जान को खतरा है और उनके आने से हिंसा भड़क सकती है। इसी वजह से शाकिब ने साफ कर दिया है कि वो पहले टेस्ट के लिए ढाका नहीं लौटेंगे।
शाकिब अल हसन ने कहा है कि शहर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के कारण उनके ढाका जाने की संभावना नहीं, जहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी पहला टेस्ट खेला जाएगा। शाकिब को पहले टेस्ट के लिए बांग्लादेश की टीम में शामिल किया गया था, जो इस प्रारूप में उनका अंतिम प्रदर्शन था। शाकिब ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं आगे कहां जा रहा हूं, लेकिन यह लगभग तय है कि मैं घर नहीं जा रहा हूं।"
शाकिब ने बांग्लादेश लौटने पर अपनी सुरक्षा को लेकर पहले चिंता जताई थी। ऐसा उन्होंने इसलिए भी कहा था कि क्योंकि 5 अगस्त, जिस दिन शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ था, उसके बाद से ही देश में लगातार अवामी लीग के नेताओं की गिरफ्तारी हो रही। शाकिब अपने गृहनगर मगुरा से अवामी लीग के टिकट पर सांसद चुने गए थे। देश में छात्र आंदोलन के दौरान कथित हत्या के लिए दर्ज हुई एफआईआर में उनका भी नाम है।
शाकिब को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए चुनी गई टीम में जगह दी गई है क्योंकि चयनकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उन्हें चुनने के लिए "हरी झंडी" मिल गई है। कथित तौर पर शाकिब को बांग्लादेश में सुरक्षित प्रवेश का आश्वासन दिया गया था, लेकिन छात्रों ने बुधवार शाम से उनके देश लौटने को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया।
"मीरपुर छात्रो जनता" नाम के एक समूह ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को सूचित किया कि वे स्टेडियम में शाकिब की उपस्थिति का विरोध करेंगे। बुधवार की देर शाम को, शाकिब को कथित तौर पर दुबई में इंतजार करने के लिए कहा गया, जहां वह न्यूयॉर्क से आ रहे थे। हालांकि शाकिब की फ्लाइट गुरुवार शाम को है, लेकिन उनके ढाका आने की संभावना नहीं है।