नई दिल्ली। जसप्रीत बुमराह ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपने कोटे के 4 ओवर में 21 रन देकर पांच विकेट लिए। हालांकि, उनका ये स्पैल और शानदार हो सकता था, अगर उनकी आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक ने छक्का नहीं लगाया होता। दरअसल, बुमराह ने 3.5 ओवर में केवल 15 रन देकर 5 विकेट झटके थे। लेकिन, उनकी आखिरी गेंद पर कार्तिक ने हवाई फायर खेला और उनके आंकड़े 4 ओवर में 21 रन देकर 5 विकेट हो गए। वैसे तो किसी भी गेंदबाजी के लिए टी20 क्रिकेट की ऐसी पारी, जहां 190 से ज्यादा रन बने हों, इस फीगर पर खुश ही होगा। लेकिन, बुमराह इससे निराश थे। मैच के बाद उन्होंने ये बात कही।
रॉयल चैलेंजर्स की पारी खत्म होने के बाद बुमराह ने ब्रॉडकास्टर्स से कहा, "अच्छा दिन था। ये उन दिनों में से एक था जब मैं जो कुछ भी आजमा रहा था वो सब काम कर रहा था। अपनी आखिरी गेंद से मैं थोड़ा निराश हूं। लेकिन, टी20 क्रिकेट तो ऐसे ही चलता है।"
बुमराह सबसे किफायती गेंदबाज रहे
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू ने करीब 10 के रन रेट से रन बनाए और इसमें बुमराह ने केवल 5.25 की इकॉनमी रेट से रन दिए थे। केवल एक ओवर फेंकने वाले मोहम्मद नबी ने भी 7 ही रन दिए थे और बुमराह के बाद दूसरे सबसे कम इकॉनमी वाले गेंदबाज़ रहे थे।
पहले ओवर से ही हार्ड लेंथ गेंदबाजी का सोचा था: बुमराह
बुमराह ने किस रणनीति से गेंदबाजी करने का सोचा था, इसे लेकर कहा, "पहला ओवर होने के बाद मैंने देखा कि नबी भाई की गेंद पिच पर ग्रिप कर रही थी और मुझे लगा कि शुरुआत में यह फ्लैट पिच नहीं होने वाली है। ओस पड़ने के बाद मुझे लगा था कि लेंथ गेंद अच्छी साबित होगी। उसको दिमाग़ में रखते हुए मैं अपनी ताकत पर बने रहना चाहता था। मैं अच्छी हार्ड लेंथ फेंकना चाहता था और आज ये रणनीति काम कर गई।"
मैं गेंदबाजी में एक ही स्किल पर नहीं रहना चाहता
प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद बुमराह ने कहा, "नतीजे से बहुत खुश हूं। मैं कभी नहीं कहूंगा कि मैं पांच विकेट लेना चाहता था। विकेट थोड़ा स्पंजी था और मैं योगदान से बहुत खुश हूं। इस फॉर्मेट में यह गेंदबाजों के लिए बहुत कठिन होता है। मैं कोशिश करता हूं कि मैं एक चाल वाला टट्टू न बनकर रह जाऊं। मैंने करियर के शुरुआती दिनों में इस पर काम किया है। लोग आप की गेंदबाजी को पढ़ना शुरू कर देते हैं। मैं अलग-अलग कौशल रखना चाहता हूं। जब चीजें मेरे लिए काम नहीं करतीं तो अगले दिन मैंने वीडियो देखे और विश्लेषण किया कि क्या काम नहीं आया। तैयारी हमेशा अहम होती है। आपको हमेशा यॉर्कर फेंकने की ज़रूरत नहीं है, कभी-कभी आप यॉर्कर फेंकते हैं, कभी-कभी शॉर्ट बॉल डालते हैं। इस प्रारूप में कोई अहंकार नहीं है। आप 145 गेंद फेंक सकते हैं, लेकिन कभी-कभी धीमी गेंद फेंकना जरूरी होता है।"