नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापट्टनम टेस्ट में शतक ठोककर शुभमन गिल के टेस्ट करियर को एक तरह से लाइफलाइन मिल गई है। ये नंबर-3 पर बैटिंग करते हुए गिल का पहला शतक है। इससे पहले नंबर-3 पर बैटिंग करते हुए उनका बेस्ट स्कोर 47 रन था, जो उन्होंने 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में बनाया था। 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हैदराबाद टेस्ट की दूसरी पारी में शुभमन गिल के शून्य पर आउट होने के बाद, टीम मैनेजमेंट ने उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि विशाखापट्टनम टेस्ट उनके लिए भारतीय टेस्ट टीम में तीन नंबर पर स्थान बरकरार रखने का आखिरी मौका होगा। 

विशाखापट्टनम टेस्ट गिल के लिए आखिरी मौका था
यह भी पता चला कि गिल के बारे में चर्चा थी कि उन्हें राजकोट में दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच एक हफ्ते के अंतराल के साथ अपनी खामियों पर काम करने के लिए घरेलू क्रिकेट में भेजा जा सकता था। अगर उन्होंने विशाखापट्टनम में दूसरी पारी में शतक लगाकर अपने आलोचकों को जवाब नहीं दिया होता, तो वे शायद मोहाली पहुंच गए होते, जहां पंजाब को 9 फरवरी से रणजी ट्रॉफी के एक मैच में गुजरात की मेजबानी करनी है। 

इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि उन्होंने अपने परिवार के एक सदस्य से कहा, ''मैं जाऊंगा और गुजरात के खिलाफ मोहाली में रणजी ट्रॉफी मैच खेलूंगा।''

गिल का हालिया टेस्ट फॉर्म खराब था। वो 9 पारियों में सिर्फ 153 रन बना पाए थे, जिसमें 36 उनका बेस्ट स्कोर था। इस प्रदर्शन के बाद से ही टेस्ट टीम में उनकी जगह को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। वो स्पिन और स्विंग दोनों के खिलाफ रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनके मुखर आलोचकों में भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले भी थे, जिन्होंने गिल को जरूरत से ज्यादा मौके देने के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट की भी आलोचना की थी। 

कुंबले ने की थी गिल की आलोचना
कुंबले ने हाल में जियो सिनेमा पर कहा था कि गिल को जितने मौके और सपोर्ट मिल रहा है, वो कभी चेतेश्वर पुजारा को नहीं मिला जबकि उन्होंने 100 से अधिक टेस्ट खेले हैं। बता दें कि गिल से पहले तीन नंबर पर पुजारा ही बैटिंग करते थे। लेकिन, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद से ही पुजारा के स्थान पर गिल टेस्ट में 3 नंबर पर बैटिंग कर रहे हैं। हालांकि, गिल ने खुद ओपनिंग छोड़ तीन नंबर पर बैटिंग करने का फैसला लिया था। 

गिल को कई जीवनदान मिले
गिल ने विशाखापट्टनम टेस्ट में शतक ठोक अपने ऊपर उठ रहे सभी सवावों के जवाब दे दिए हैं। हालांकि, इसमें उन्हें किस्मत का भी साथ मिला। वो विशाखापट्टनम टेस्ट की दूसरी पारी में पहली 10 गेंद में ही कम से कम तीन बार आउट हो जाते। लेकिन, उन्हें जीवनदान मिला और उन्होंने अच्छे बैटर की तरह इसका पूरा फायदा उठाया। वो 4 रन के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू होने से बचे थे। 

गिल को मिल गई लाइफलाइन
7 गेंद के बाद, अंपायर कॉल के कारण गिल बच गए क्योंकि ऐसा लग रहा था कि जेम्स एंडरसन ने 8 पारियों में छठी बार उनका शिकार कर लिया है। एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक गिल को पांच बार आउट किया है और वो इस पेसर के खिलाफ केवल 45 रन ही बना सके हैं। जब गिल 21 रन पर थे, तब टॉम हार्टले की गेंद पर पहली स्लिप में बेन फॉक्स और बेन स्टोक्स के बीच से गेंद निकल गई थी। शुरू में उन्होंने भले ही रन बनाने के लिए संघर्ष किया। लेकिन, एक बार नजरें जम जाने के बाद गिल ने सही समय पर शतक ठोक टीम के साथ-साथ खुद को संकट से उबार लिया।