चरखी दादरी: पेरिस ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद भी विनेश फोगाट का हौसला बुलंद है। सोमवार को उन्होंने अपने पैतृक गांव बलाली में भाई हरविंदर को राखी बांधते हुए जीवन की नई शुरुआत की। भाई ने उन्हें उपहार में 500 रुपए के नोटों की गड्डी दी।
100 ग्राम वजन से छीना मेडल का सपना
ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण विनेश को रेसलिंग फाइनल से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने रेसलिंग से संन्यास ही ले लिया था। लेकिन अपने भाई हरविंदर फोगाट के प्यार और समर्थन ने उन्हें एक बार फिर से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। रक्षाबंधन के मौके पर भाई ने विनेश को नोटों की गड्डी देकर उन्हें खुश किया।
क्या बोलीं विनेश
विनेश ने हंसते हुए कहा, "मैं करीब 30 साल की हूं। पहले मुझे 10 रुपये मिलते थे। पिछले साल मेरे भाई ने मुझे 500 रुपये दिए थे, लेकिन इस बार मुझे ये (500 रुपये के नोटों की गड्डी दिखाते हुए) मिले हैं। मेरे भाई ने जिंदगी में इतना ही कमाया है, जो मेरे हिस्से में आ गया।"
विनेश के भाई ने बताया कि विनेश के लिए यह साल काफी मुश्किल रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह हमेशा एक सच्ची फाइटर रही हैं और हमेशा आगे बढ़ती रहेंगी।
विनेश बोलीं, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं
विनेश फोगाट ने ओलिंपिक की घटना से यह सबक लिया है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अब इस घटना को पीछे छोड़कर नए सिरे से शुरुआत करना चाहती हैं।