Vinesh phogat Bajrang Punia Joined Congress: विनेश फोगाट को लेकर जो कयास लग रहे थे, वो शुक्रवार को सच साबित हुए। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली। उनके साथ ओलंपियन बजरंग पूनिया ने कांग्रेस के साथ सियासी पारी शुरू की है। ये दोनों दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। विनेश और बजरंग को अपने साथ जोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ी जीत है। आइए जानते हैं इससे कांग्रेस को क्या फायदा हो सकता है।
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जाट समुदाय से आते हैं। हरियाणा के किसानों में बड़ी संख्या में जाट समुदाय से आते हैं और अधिकतर न्यूनतम सर्मथन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ़ खड़ा है। बुधवार को दोनों पहलवानों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) राहुल गांधी से मुलाकात की। एक सूत्र ने कहा कि फोगट की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी के भीतर आम सहमति बन गई है।
विनेश-बजरंग को साथ लाने से कांग्रेस को कितना फायदा?
विनेश और बजरंग को साथ लाकर कांग्रेस पार्टी जाट वोटों को एकजुट करने के अलावा महिलाओं, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अपना समर्थन आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही। हरियाणा के लिए AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को ही ये कह दिया था कि विनेश फोगाट की उम्मीदवारी पर निर्णय जल्द ही घोषित किया जाएगा।
विनेश जुलाना या दादरी से चुनाव लड़ सकतीं
कांग्रेस कथित तौर पर विनेश फोगाट के लिए जुलाना और बादली सीटों में से किसी एक से चुनाव लड़ाने का विचार कर रही। दोनों ही सीटों पर जाटों की अच्छी खासी आबादी है। कांग्रेस के कुलदीप वत्स जहां बादली का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं जुलाना से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अमरजीत ढांडा काबिज हैं। दिल्ली में कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि विनेश जुलाना या दादरी से चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं, बजरंग पुनिया की नजर बादली सीट पर है।
भारत वापसी के बाद से ही कांग्रेस नेता विनेश के साथ
19 अगस्त को पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद से ही कांग्रेस नेता विनेश फोगाट के साथ हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर कांग्रेस सांसद दीपक हुड्डा ने उनकी अगवानी की थी और भव्य स्वागत किया था जबकि हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि अगर उनके पास संख्याबल होता तो वह उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत करते।
बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों की लड़ाई का चेहरा थीं विनेश
भाजपा के लिए चिंता की बात ये है कि पहलवान ने हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देने का भी ऐलान किया है। पूर्व भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष (WFI)ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध का चेहरा रहीं विनेश फोगाट को शामिल करके कांग्रेस पूर्व सांसद के खिलाफ सरकार की निष्क्रियता को लेकर भाजपा को घेरने की भी कोशिश करेगी।
योगेश्वर-बबीता चुनाव हारे थे
वैसे, हरियाणा में खिलाड़ियों का राजनीतिक पारी या उनका सियासी अखाड़े में प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। पहलवान योगेश्वर दत्त और बबीता फोगट, जिन्हें 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मैदान में उतारा था, बड़ौदा और चरखी दादरी सीटों से हार गए थे। अब योगेश्वर गोहाना सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं। खिलाड़ियों में से केवल पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह ही पिहोवा से जीत का स्वाद चख पाए थे।
बाद में उन्हें मनोहर लाल खट्टर मंत्रिमंडल में खेल मंत्री बनाया गया था। लेकिन उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें हटा दिया था। आरोप लगाने वाले एक पूर्व कोच कथित तौर पर संदीप सिंह के मैदान में उतरने की स्थिति में पिहोवा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
मुक्केबाज विजेंदर भी लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
इतना ही नहीं, ओलंपिक मेडलिस्ट मुक्केबाज विजेंदर सिंह, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में साउथ दिल्ली सीट से तीसरे स्थान पर रहे थे और बाद में भाजपा में शामिल हो गए, हरियाणा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, क्योंकि उनकी जड़ें भिवानी जिले के कालूवास गांव से हैं।