रायपुर। टिकरापारा थाना क्षेत्र के मठपुरैना स्थित बीएसयूपी कालोनी में लखन सेन, उसकी पत्नी तथा बेटी के फांसी लगाकर खुदकुशी करने के मामले में पुलिस को मृतक लखन की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में कर्ज, बीमारी तथा जमीन विवाद से परेशान होकर खुदकुशी करने की बात का उल्लेख है। पुलिस सुसाइड नोट की राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराने की बात कह रही है।
गौरतलब है कि गुरुवार को रात दस बजे के करीब पुलिस को एक ही परिवार के तीन लोगों द्वारा खुदकुशी करने की जनकारी मिली। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। रात ज्यादा होने की वजह से पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया था। दूसरे दिन शुक्रवार को प्फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने घटनास्थल पहुंचकर जांच की। घटनास्थल के आसपास फोरेंसिक टीम को खून की कुछ बूंदे मिली। आशंका जताई जा रही है कि खुदकुशी करने के समय नाक से खून बहता है, वही खून की बूंदे घटनास्थल के पास मिली है। उल्लेखनीय है कि बदबू आने पर पुलिस तथा लोगों को लखन, उसकी पत्नी तथा बेटी की खुदकुरी की जानकारी मिली थी।
बीमारी की वजह से था परेशान
सुसाइड नोट में लखन ने बीमारी से परेशान होकर अत्महत्या करने की बात का उल्लेख किया है। लखन के नजदीकी लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक लखन पेट दर्द से परेशान रहता था। इसके अलावा उसके पैर में एक घाव हो गया था, जो लंबे अरसे बाद भी नहीं भरा, उसने किसी डॉक्टर के पस अपको जख्म को दिखाया, तो डॉक्टर ने लखन को कैसर होने का अंदेशा जताया था।
बेटियों की शादी के लिए कर्ज
पुलिस के अनुसार लखन के सुसाइड नोट में इस बात का उल्लेख किया है कि उसने जिन लोगों से लोन लिया था, वे अपने पैसों की मांग करने लगातार तगादा कर रहे थे। इसके अलावा जानकारी मिली है कि लखन ने अपनी बेटियों की शादी करने के लिए अलग से लोगों से लोन लिया था। इसके अलावा लखन ने दीपावली पर 40 हजार रुपए की बीसी उठाई थी।
जमीन विवाद के कारण निराश था
पुलिस के अनुसार लखन के सात भई बहन है, जिनमें तीन बहन है। लखन मूलतः भाटापारा स्थित लाहौद गांव का रहने वाला थ। वह पिछले आठ दस क्यों से रायपुर में वाहन चलाने का काम करता था। संपति बंटवारे से लखन नाखुश था। लखन को लगता था कि उसे पारिवारिक जायदाद में से जितनी जमीन मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। लखन ने सुसाइड नोट में जमीन विवाद की बात का भी उल्लेख किया है।
मनोस्वास्थ्य विशेषज्ञ का यह कहना है
मनोस्वास्थ्य विशेषज्ञ बीएस परिवाहर के मुताबिक पूरे परिवार का एक साथ खुदकुशी करने का विचार परिवार के मुखिया के टूटने की वजह से होता है। विशेषज्ञ के मुताबिक 37 प्रतिशत सुसाइड के मामले पारिवारिक, सामजिक स्तर पर मान वही मिलने तथा लोगों से दुराव तथा आर्थिक तंगी की वजह से होती है। इसके अलावा 17 से 24 प्रतिशत सुसाइड के मामले पुरानी गंभीर बीमारी, जिसमें लगता है कि बीमारी के उपचार में उनकी पूरी जमा पूंजी लग जाएगी।