ललित राठोड़ / लवकुश शुक्ला - रायपुर । हरिभूमि ने सट्टेबाज और नशे के तस्करों के ठिकानों की तहकीकात की। रायपुर की गलियों में अब भी गांजा बेचा जा रहा है। पहले की तरह अब भी मोतीबाग, गंज और खमतराई की शराब भट्टी के आसपास समेत पंडरी में सुबह और शाम के वक्त बड़ी आसानी से गांजे की पुड़िया मिल रही। एक बदलाव यह दिखा कि नई सरकार आने से तस्करों ने गांजा बेचने का समय बदल दिया है। अब दिन में नहीं बेचकर शाम होने के बाद बेचते हैं, ताकि किसी को संदेह न हो और पुलिस की कार्रवाई से भी बचा जा सके। इधर पुलिस के दबाव में सट्टेबाजों ने अपना ठिकाना ही बदल दिया है। पुरानी जगहों पर अब सन्नाटा है। हरिभूमि ने शनिवार को गांजा और सट्टेबाजों की पड़ताल की, तो पता चला, मोती बाग में लोगों को अब 100 की पुड़िया बेची जा रही है। वहीं खमतराई में सुबह 7 से 9 बजे के बीच गांजा बेचने बात कही। पुलिस की कार्रवाई से कालीबाड़ी में शनिवार को सन्नाटा रहा। लोग गांजा खरीदने पहुंचते रहे, लेकिन तस्करों ने साफ मना कर दिया। इसके अलावा गोल बाजार, कुशालपुर में सट्टेबाजों का ठिकाना बंद मिला। लोगों ने बताया कि नई सरकार के बाद से जगह भी बदल गई है।

पुरानी जगहों पर बेच रहे गांजा

शहर में 100 रुपए में गांजा बेचा जा रहा है। नई सरकार के आने से भी नशे के कारोबार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। कुछ ठिकाने जरूर बंद हुए हैं, लेकिन अब भी पुरानी जगहों पर गांजा लोगों को बेचा जा रहा है। गंज शराब भट्टी में लंबे समय से गांजा बेचा रहा है। कार्रवाई के डर से अब शाम के वक्त बेचते हैं। पंडरी ओवर ब्रिज के नीचे सुबह 8 बजे गांजा मिलने की बात कहीं।

केस  - 1
मोतीबाग
रिपोर्टर - गांजा चाहिए था मिल जाएगा क्या? 
तस्कर- हां, कितने का चाहिए?
रिपोर्टर- एक पुड़िया ही चाहिए। क्या रेट चल रहा है?
तस्कर- 100 है। लेना है तो बताओ।
रिपोर्टर - हां। दे दो


केस 2
खमतराई तालाब किनारे
रिपोर्टर - गांजा मिल सकता है?
तस्कर- खत्म हो चुका है। अब कल ही मिलेगा? रिपोर्टर- कब मिलेगा?
तस्कर- सुबह 7 से 9 बजे आ जाना, उस समय ही मिलेगा।
रिपोर्टर - शाम को नहीं मिलेगा?
तस्कर - नहीं मिल पाएगा।


कार्रवाई करने निर्देश दिया गया है

एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि,  राजधानी में लगातार नशे के सौदागरों पर कार्रवाई जारी है। सभी थाना प्रभारी को शहर में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने निर्देश दिया गया है।