बिप्लव मल्लिक-दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल नगरपालिका में प्रदेश से कांग्रेस की सरकार जाते ही कांग्रेसी नगर पालिका अध्यक्ष मृणाल राय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जहां उनके ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष, पार्षदों ने भाजपा, सीपीआई और निर्दलीय 13 पार्षद के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव ला दिया था।
अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के 7 पार्षद, भाजपा के 4, सीपीआई के 1 और एक निर्दलीय जिसमें कांग्रेस के नगर पालिका उपाध्यक्ष बाल सिंह कश्यप, दिनेश कुमार प्रसाद, रतनी मांडवी, अशोक कश्यप, कीर्तिनी राणा, गायत्री साहू,सुरेश लीला पात्रे, भाजपा पार्षद शैलेंद्र सिंह, राजकुमार छालीवाल, निधि जयसवाल, रामकिशोर, सीपीआई से भानवती नाग, निर्दलीय अब्दुल हमीद सिद्धिकी ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिसके बाद उनके विपक्ष में 13 वोट और अध्यक्ष के पक्ष में 5 वोट पड़े। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के समय अमृत टंडन, राजू कुंजाम, इला पटेल, राजेंद्र राय और अध्यक्ष मौजूद थे।
डिप्टी कलेक्टर के सामने हुई वोटिंग
अविश्वास प्रस्ताव पर दंतेवाड़ा डिप्टी कलेक्टर ने सोमवार को किरंदुल नगरपालिका में सुबह 11 बजे सम्मेलन फ्लोर टेस्ट के लिए आदेशित किया था। लेकिन डिप्टी कलेक्टर सुरेंद्र ठाकुर नोडल अधिकारी के रूप में किरंदुल नगर पालिका पहुंचे। उन्होंने सभी पार्षदों से बात कर वोटिंग प्रक्रिया प्रारंभ की, वोटिंग के बाद गिनती होने पर नगर पालिका अध्यक्ष के पक्ष में 10 वोट और विपक्ष में 8 वोट पड़े। जिससे नगर पालिका अध्यक्ष मृणाल राय अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहे और विपक्ष के 13 वोट में से 5 वोट अध्यक्ष के पक्ष में चले गए और विपक्ष 8 वोटो पर ही सिमट रह कर गई।
अध्यक्ष ने सांसद प्रतिनिधि पर लगाये गंभीर आरोप
किरंदूल नगर पालिका के इस घटनाक्रम में पूरे शहर वासियों की पैनी नजर थी सुबह से ही नगर पालिका परिषद में पत्रकारों और बुद्धिजीवियों की भीड़ लगी हुई थी। नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने पक्ष में कैसे विपक्ष के 5 पार्षदों को लाया गया और विपक्ष में किस कारण फूट पड़ी। यह नगर वासियों के बीच चर्चा का विषय है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष मृणाल राय फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद सांसद प्रतिनिधि पर पार्टी विरोधी काम करने के आरोप लगाए।