बिलासपुर। पांचवी की केंद्रीयकृत परीक्षा में नकल का मामला सामने आने के बाद बिलासपुर से लेकर रायपुर तक में हड़कंप मचा रहा है। मामले में हरिभूमि में खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग के ग्रुप में इस समाचार का खास तौर पर उल्लेख किया गया। साथ ही निर्देश जारी किया गया कि किसी प्रकार की ठील नहीं दी जानी है। इसके तत्काल बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने आठ उड़न दस्ता टीम बनाई है जिसमें 32 अधिकारी हैं। इन्हें सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही ब्लाक स्तर पर बीईओ और एबीईओ अलग से जांच कर रहे हैं। 

कलेक्टर अवनीश शरण ने भी जिला शिक्षा विभाग से मामले में रिपोर्ट मांगी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से मामले में लापरवाही बरतने वाले बरतने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई है। इसका असर भी मंगलवार को आठवीं के पहले पेपर के दिन दिखा। किसी भी केन्द्र से नकल के मामले सामने नहीं आए। हालांकि इसके बाद भी क्लास रूम में बच्चों के बीच प्रश्नों और उत्तर को लेकर चर्चा जारी रही है। एक दूसरे को उत्तर भी बताया गया। करीब 15 साल बाद शुरू हुई पांचवी-आठवीं की केन्द्रीकृत परीक्षा इसलिए ली जा रही है कि ताकि बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता का ठीक से मूल्याकंन किया जा सके। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रश्नपत्र तैयार कर रहा है। रोल नंबर भी वहीं से आबंटित किए गए लेकिन बच्चों का केन्द्र नहीं बदला गया। इसी का फायदा स्कूल के शिक्षकों ने उठा लिया। स्कूलों का रिजल्ट बेहतर करने के लिए बच्चों को नकल कराई जाने लगी। पहले दिन पांचवी की परीक्षा के दौरान खुलेआम नकल कराई गई। आठवीं के पेपर के दौरान हर सेंटर में एक तरह से अलर्ट रहा। यहां तक कि पत्रकारों को भी रोकने की कोशिश हुई। हर आने जाने वाले से स्कूल पहुंचने का कारण पूछा गया। 

रेमेडियल क्लास लेकर कराएंगे पढ़ाई 
नकल के मामले सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से सभी केन्द्राध्यक्षों और प्राचार्यों को खास तौर पर हिदायत दी गई है। इसके बाद से केन्द्राध्यक्षों ने सभी क्लास रूम का नियमित दौरा किया। इसके साथ ही आठ उड़नदस्ता टीम में लगभग सभी स्कूलों में पहुंची। खास तौर आउटर के स्कूलों में अधिक ध्यान दिया गया। इसलिए आठवीं गणित के पेपर में नकल के मामले सामने नहीं आए। जिला शिक्षा विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि बच्चों को अपने स्तर पर सवाल हल करने दिया जाए। इससे उनका मूल्यांकन होगा। यह भी कहा गया है कि इस बार जो यह बोर्ड परीक्षा हो रही है उसमें किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाना है। अधिकारियों के मुताबिक कम नंबर वाले बच्चों को पास होने के लिए कई अवसर प्रदान किए जाएंगे। वार्षिक परीक्षा में फेल बच्चों को पूरक परीक्षा में बैठने की पात्रता होगी। विषय शिक्षक अनुत्तीर्ण विषय की अतिरिक्त कक्षाएं लेकर तैयारी कराएंगे। पूरक परीक्षा 1 जून से शुरू होगी। यदि कोई छात्र पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होता है तो उसे भी आगे की क्लास में प्रमोट किया जाएगा। हालांकि कुछ बच्चों को अगली कक्षा में जाने से रोका भी जा सकता है। 

चाक-डस्टर कमरे में ले जाने पर रोक 
ध्यान रहे कि पहले दिन पांचवी के गणित पेपर में कहीं शिक्षक ही छात्र को नकल करते नजर आए तो कहीं बोर्ड पर उत्तर लिखकर शिक्षिकाएं छात्रों को गणित के सवाल हल करते नजर आई। यहां तक कि मस्तूरी ब्लाक के मानिकपुर स्कूल में तो पूरा स्कूल ही गणित के किताब खोलकर बैठा था। यहां दो कक्षाओं में 54 छात्र परीक्षा दे रहे थे। इसके अलावा लिंगियाडीह, मोपका और चिंगराजपारा में कुछ शिक्षक छात्रों के साथ टेबल पर बैठकर सवाल हल करते दिखाई दिए। हरिभूमि में मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ाई की। केन्द्राध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि क्लास रूम में चाक डस्टर किसी भी रूप में नहीं ले जाना है। परीक्षा 9 बजे से शुरू होनी है, इससे पहले ही ब्लैक बोर्ड में परीक्षा का नाम, दर्ज संख्या, दिनांक और दूसरी बातें लिखी जानी है।

बच्चों की उपस्थिति हो रही काफी कम 
बोर्ड की तर्ज पर आयोजित इस परीक्षा में उपस्थिति भी काफी कम रह रही है। यही नहीं सरकारी स्कूलों के परीक्षाथीयों ने कई केंद्रों में जमींन में बैठकर परीक्षा दिलाई और उनके रोल नम्बर बगल में ही लिखे थे। तखतपुर विकासखण्ड में 180 मिडिल स्कूल कक्षा आठवीं की परीक्षार्थीयों के लिए परीक्षा केंद्र बनाए गए है निजी स्कूलों के परीक्षार्थी भी सरकारी परीक्षा केंद्रों में आयोजित परीक्षा में शामिल किए गए। नगर के जनपद मिडिल स्कूल में 23 में 11 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। वहीं विकासखण्ड कार्यालय से पचास कदम की दूरी पर लगने वाले मिडिल स्कूल 32 परीक्षार्थीयों में 8 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। बेलसरी में सरस्वती शिशु मंदिर के 9 परीक्षार्थी में 9 उपस्थित रहे वहीं इसी परीक्षा केंद्र में 43 में 42 उपस्थित रहे। वहीं ग्राम मोढ़े सरकारी मिडिल स्कूल में 49 में एक छात्र अनुपस्थित रहा। नगर के कन्या मिडिल स्कूल में 95 में 9 छात्राएं अनुपस्थित रहीं। सरकारी स्कूलों का हाल यह था कि ग्राम मोढ़े परीक्षा केंद्र में 48 छात्र जमींन पर बैठकर परीक्षा दिला रहे थे। वहीं आत्मानंद के 47 परीक्षाथीयों में 47 की उपस्थिति रही। 

सख्ती बरतने के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अनिल तिवारी निर्देश जारी किया गया कि किसी प्रकार की ठील नहीं दी जानी है। आठ उड़न दस्ता टीम बनाई है जिसमें 32 अधिकारी हैं। इन्हें सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं। ब्लाक स्तर पर बीईओ और एबीईओ अलग से जांच कर रहे हैं। 

नकल करवाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी 
कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि बच्चों के मूल्यांकन के लिए यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी जा गई है। नकल करवाने वाले शिक्षकों पर मामला सही पाया गया तो कार्रवाई भी होगी।