रायपुर। आबकारी विभाग की अहाता पॉलिसी जिले में फेल होती प्रतीत हो रही है। बोली लगाकर लोग महंगे दाम पर अहाता का ठेका तो ले रहे है, लेकिन एक-दो महीने में ठेकेदारों को यह समझ में आ जा रहा है कि अहाता संचालन से उन्हें लाभ नहीं, बल्कि नुकसान है। अहाता में रोज पियक्कड़ों की भीड़ तो आ रही है, लेकिन इस भीड़ से होने वाली कमाई से लाइसेंस फीस की राशि तक निकल नहीं पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है, किराए की जमीन।
ज्यादातर अहाते किराए की जमीन पर संचालित हैं, जिसके एवज में ठेकेदारों को हजारों रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। इसके अलावा बिजली बिल, कर्मचारियों का वेतन सहित अन्य कई तरह का भुगतान भी ठेकेदारों द्वारा किया जाता है। इस तरह जितनी कमाई अहाता से हो रही है, उससे ज्यादा लाइसेंस फीस विभाग को जमा करनी पड़ रही है। यही कारण है कि जिले में रीटेंडर में दोबारा ठेके पर गए कई अहातों के ठेकेदार लाइसेंस फीस जमा नहीं किए हैं, जिसके कारण इनका अनुबंध निरस्त किया जा सकता है। इधर इस मामले में विभागीय अधिकारियों का भी यही कहना है कि लाइसेंस फीस समय पर जमा नहीं करने वाले ठेकेदारों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
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11 अहातों का अब तक नहीं निकला रीटेंडर
32 में 11 अहातों के लिए विभाग को एक भी आवेदन नहीं आया था। इस कारण से इन अहातों के लिए फिर से टेंडर निकालने की बात अधिकारियों द्वारा कही गई थी, लेकिन करीब डेढ़ माह बीत चुका है। विभाग द्वारा 11 अहातों के लिए दोबारा टेंडर नहीं निकाला गया है।
पहले 11 महीने, रीटेंडर में साढ़े 5 माह के लिए निकाला गया था टेंडर
विभाग ने पहली बार मई 2024 में 57 अहातों का टेंडर 11 महीने के लिए निकाला था। इस दौरान माना देशी अहाता को छोड़कर शेष 56 अहातों को ठेके पर दिया गया था, लेकिन बाद में इनमें से 21 ठेकेदारों ने फीस जमा करना बंद कर दिया, जिसके कारण इन ठेकेदारों के नाम ब्लैक लिस्टेड कर उनका अनुबंध निरस्त किया गया। रीटेंडर में साढ़े 5 महीने के लिए 19 अहातों को ठेके पर दिया गया है।
32 में 19 अहाते ही गए थे ठेके पर
आबकारी विभाग ने जिले के 32 अहातों के लिए टेंडर निकाला था। इनमें 21 अहाते पुराने अहाते थे, जिनका ठेका निरस्त किया गया था, वहीं 11 नए अहातों के लिए आवेदन मंगाए गए थे। इन सभी अहातों के लिए आवेदन ऑनलाइन मंगाया गया था। विभाग ने टेंडर निकालने के साथ इन सभी अहातों की बोली प्राइज भी तय की थी। नियम के अनुसार इस तय बोली से ज्यादा सबसे ऊंची बोली लगाने वाले आवेदक को अहाता का ठेका दिया गया था, जिनमें लगभग सभी पुराने अहातों का भी ठेका हुआ था। सूत्रों के अनुसार इनमें से करीब आधा दर्जन अहाता ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में फीस जमा नहीं कराई गई है। इस कारण विभाग अब इन ठेकेदारों का अनुबंध निरस्त करने की तैयारी में है।
समय पर लाइसेंस फीस जमा नहीं करेंगे तो निरस्त करेंगे ठेका
रायपुर आबकारी विभाग उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा ने बताया कि, 6 नियम के तहत ठेकेदारों को अहातों की फीस जमा करानी है। समय पर फीस जमा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत ठेका निरस्त कर ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।