संतोष कश्यप- सरगुजा। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबी अटल यादव सहित 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की किया गया है। जहां सरगुजा के मैनपाट में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबियों ने राजस्व अफसरों से मिलीभगत कर 498 एकड़ शासकीय भूखंड का फर्जी पट्टा बनवा लिया और समर्थन मूल्य पर धान भी बेचने लगे थे। इस जमीन की एवज में ये बड़े किसान बन गए और जिला सहकारी बैंक की समितियों में किसान क्रेडिट कार्ड भी हासिल कर लिया। इसके अलावा केसीसी के जरिए इन्होंने समितियों से 3 करोड़ 56 लाख रुपए का लोन भी ले लिया। 

तहसीलदार ने 13 लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई FIR 

जिसके बाद कलेक्टर विलास भोसकर ने जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सीतापुर एसडीएम और जांच अधिकारी रवि राही ने जांच की और 1325 पन्नों की जांच रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर विलास भोसकर को सौंपी थी। जिसके बाद इस फर्जीवाड़े में शामिल 13 लोगों के खिलाफ तहसीलदार ने कमलेश्वरपुर थाना में FIR दर्ज करवाया।

13 लोगों के खिलाफ तहसीलदार ने दर्ज करवाई FIR 

इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबी कांग्रेस नेता अटल यादव को माना जा रहा है। यही कारण है कि, तहसीलदार ने अटल यादव सहित 13 लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन की अफरा-तफरी, केसीसी के जरिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की समितियों से केसीसी के जरिए लोन लेने के आरोप में FIR दर्ज कराया है। जमीन के फर्जीवाड़ा में शामिल इन लोगों को अब जेल की हवा खानी पड़ेगी। 

कलेक्टर ने दिए थे जांच के निर्देश 

सरगुजा के पर्यटन स्थल मैनपाट  में कांग्रेस शासनकाल के दौरान राजस्व अधिकारियों के साथ मिली भगत कर एक हजार एकड़ से ज्यादा शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बनवाए जाने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। जिसके बाद शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर विलास भोस्कर ने सीतापुर एसडीएम रवि राही को जांच के निर्देश दिए थे। प्रारंभिक जांच में 498 एकड़ शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बनवाया जाना पाया गया। जिसके बाद तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर SDM ने पट्टे को निरस्त कर 498 एकड़ जमीन को वापस सरकारी मद में दर्ज किया।

इसे भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ के 3 शहरों में ED की दबिश: दो पूर्व मंत्रियों के करीबियों के घर पड़ा छापा, एक जनपद CEO से भी पूछताछ

समर्थन मूल्य पर बेचा धान

तहसीलदार की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जिस 498 एकड़ शासकीय भूमि का पट्टा बनाया गया है। इसकी एवज में समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री भी की गई है। इसके जरिए राज्य शासन को लाखों का चूना अलग लगाया गया है। इसी जमीन के एवज में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की विभिन्न समितियों से साढ़े तीन करोड़ का लोन भी ले लिया है। इस लोन की रिकवरी किस आधार पर होगी यह फिलहाल तय नहीं है।