गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में अब तक का सबसे लंबा नक्सल ऑपरेशन लांच किया गया था। यह ऑपरेशन 3 दिनों तक चला। 3 रात कड़ाके ठंड में नक्सलियों से सामना करने के बाद जाबांज जवानों की टुकड़ी वापस लौट रही है। जवानों ने तीन दिन के इस बड़े ऑपरेशन में 40 लाख के 5 ईनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया है। वहीं इंसास और एसएलआर समेत 6 हथियार भी बरामद किए हैं। 

15 नवंबर की रात जवानों की टीम अलग-अलग इलाकों से नक्सलियों की एक बड़ी पार्टी को घेरने निकली थी। जावानों को सूचना मिली थी कि, नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर अभय माड़ इलाके में मौजूद है। 16 नवंबर की सुबह 7 बजे जवानों का नक्सलियों से सामना हुआ। दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी हुई और शुरू में ही तीन नक्सली ढेर कर दिए गए, इसके बाद दोपहर तक 5 नक्सली मारे गए। जवानों ने नक्सलियों के शव के साथ उनके हथियार भी जब्त कर लिए थे, लेकिन जवानों का मुख्य टारगेट सेंट्रल कमेटी मेंबर अभय था। इस वजह से जवान रात भर डटे रहे।  देर रात जंगल से भागने की फिराक में नक्सलियों ने जवानों पर फिर फायरिंग शुरू कर दी, जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें चारों तरफ से घेरे रखा। नक्सली भागने में कामयाब नहीं हो सके। 

72 घंटों के ऑपरेशन के बाद वापस लौटेंगे जवान 

17 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे फिर जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई जो देर शाम तक रुक-रुक कर जारी रही। शाम में जवानों की एक टुकड़ी को मारे गए 5 नक्सलियों के शव लेकर कांकेर रवाना किया गया और बाकी के जवान जंगल में मौजूद रहे।  एक रात और जवानों ने नक्सलियों को घेरने जंगल में ही बिताई लेकिन किसी तरह रात के अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली भागने में कामयाब हो गए। इसके बाद जवान नक्सलियों का पीछा करने फिर से रणनीति बना चुके थे लेकिन 3 दिन और रात के ऑपरेशन से जवान काफी थक चुके थे इसलिए उन्हें वापस बुलाने का फैसला लिया गया है।

इसे भी पढ़ें : माड़ मुठभेड़ : मारे गए पांचों नक्सलियों की हुई शिनाख्त, सभी पर 8- 8 लाख का इनाम घोषित था

मारे गए नक्सलियों के 5 बड़े लीडर  

जवान इलाके की सर्चिंग में बाद आज देर शाम या रात तक वापस पखांजूर लौट सकते हैं। अगर इस मुठभेड़ गौर किया जाए तो नक्सलियों के मौत के आकंड़े 16 अप्रैल को हुई मुठभेड़ से कम है  लेकिन यह ऑपरेशन लंबे समय तक चला। इसका कारण ये है कि, अभी बारिश के बाद जंगल घने हो चुके हैं और घने जंगलों की मांद में छुपकर बैठे नक्सलियों को खोज पाना इतना आसान नहीं होता। इसके बावजूद भी जवानों ने पूरी बहादुरी से नक्सलियों से 3 दिन और रात लड़ाई लड़कर उनके 5 बड़े लीडरों को ढेर कर दिया है। कहा जा रहा है कि, इस इलाके में अब नक्सली बेहद कमजोर पड़ चुके है क्योंकि इसी इलाके में 29 अप्रैल को 10 नक्सली ढेर किए गए थे और 5 फिर मारे गए हैं। इस इलाके में सक्रिय गढ़चिरौली दलम के पास अब ज्यादा लड़ाके बचे नहीं है।