जितेंद्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बादलखोल अभयारण्य में धड़ल्ले से पेड़ों की ओकतई हो रही है।जिसको लेकर वहां के ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। वहीं विशालकाय पेड़ों को काटने की सूचना मिलने पर शिकायत की गई। लेकिन पेड़ काटने वाले लोगों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं।
दरअसल, जशपुर जिले के नारायणपुर क्षेत्र के बादल खोल अभयारण्य में हरे भरे विशालकाय वृक्षों की कटाई की जा रही है। ग्रामीणों की सूचना पर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत अपने साथियों के साथ जब बादल खोल क्षेत्र पहुंचे तो मशीन से हरे भरे विशालकाय फलदार वृक्षों को मशीन से कुछ लोग पेड़ों को काट रहे थे।
धरने पर बैठे ग्रामीण
पूर्व मंत्री गणेश राम ने मौके से जब लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करने जिला प्रशासन को फोन किया तो किसी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं होने से नराज पूर्व मंत्री ने धरने पर बैठ गए है। जब तक कोई ठोस कार्यवाही और लकड़ी तस्करी पर रोक नहीं लगाए जाने तक बैठे रहने की बात कह रहे है।
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बिना अनुमति के हो रही पेड़ों की कटाई
अधिवक्ता और जनजातीय सुरक्षा मंच के लीगल एडवाइजर रामप्रकाश पांडेय ने बताया कि, लकड़ी तस्कर हरे- भरे पेड़ों की बली चढ़ा रहे हैं। बादल खोल क्षेत्र में 50 से 60 विशालकाय फलदार वृक्षो को काटा जा रहा है। इनके पास राजस्व अधिकारी और वन अधिकारी का आदेश है लेकिन ग्राम पंचायत से किसी भी प्रकार का कोई परमिशन नहीं लिया गया है। जबकि हरे- भरे पेड़ों को किसी भी कीमत में नहीं काटा जाता। सूखे और गिरने की स्थिति वाले वृक्षो को ही काटने की अनुमति है।
हरे- भरे पेड़ों पर पड़ रही कुल्हाड़ी की मार
देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर हरियाली बचाने एक पेड़ माँ के नाम का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ वन विभाग और अभयारण्य की मिली भगत से हरे- भरे पेड़ों की अंधाधुन कटाई की जा रही है। लकड़ी तस्कर सक्रिय है और इस पर प्रशासन की ओर से कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। जो कतई उचित नहीं है यह पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। पूर्व मंत्री के काफी समय तक मौके पर बैठे रहने के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं अधिकारियों ने लकड़ी काटने वालों के औजारों को जब्त कर कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं।