कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 6 साल के  बच्चे की दुखद मौत के बाद, राज्य सरकार और प्रशासन ने चाइनीज मांझे पर कड़ा रुख अपनाया है। इस घटना के मद्देनजर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

बलौदा बाजार जिले में कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर प्रशासनिक टीम द्वारा बाजारों और पतंग दुकानों में छापेमारी की गई। दुकानदारों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि वे चाइनीज मांझे की बिक्री न करें। कलेक्टर ने कहा कि अगर किसी दुकान पर चाइनीज मांझे की बिक्री करते हुए पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक किसी दुकान पर चाइनीज मांझे की बिक्री की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन चोरी- छिपे इसके बेचे जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी के तहत जिलेभर में लगातार निरीक्षण और कार्रवाई जारी रहेगी। ताकि, इस खतरनाक मांझे की बिक्री पूरी तरह से रोकी जा सके।

 क्या है चाइनीज मांझा?

पतंग उड़ाने के लिए ज्यादातर चाइनीज मांझे का इस्तेमाल होने लगा है। ये प्लास्टिक और धातु के मिश्रण से बना होता है। चाइनीज मांझा सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है। ये इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिसका मतलब ये है कि चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है। ये मांझा आसानी से टूटता भी नहीं है। यही कारण है कि इसमें फंसने के बाद कई पक्षी और इंसानों की मौत तक हो जाती है।