घनश्याम सोनी- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पिछले दो दिनों से पुलिस के खिलाफ उपजा ग्रामीणों का गुस्सा शुक्रवार की शाम नाटकीय ढंग से समाप्त हो गया। पुलिस के खिलाफ नाराजगी जता रहे ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने यह मांग रखी कि, मृतक की पत्नी के लापता होने के केस में उसके परिजनों को बार-बार थाने बुलाकर पूछताछ ना किया जाए। इसी बात पर सहमति बनते ही वे मृतक का शव लेने को तैयार हुए। अब शनिवार को उनके गांव संतोषी नगर में युवक का अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

दरअसल गुरुचरण मंडल नाम के युवक का कोतवाली थाने में फांसी के फंदे पर लटकता शव मिला था और इसके बाद यह पूरा बवाल गुरुवार से ही देखने को मिला। पहले पुलिस थानों में पथराव हुए गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई और शुक्रवार की सुबह से ही बलरामपुर में तनाव की स्थिति बनी रही। परिजन लगातार शव लेने से इनकार कर रहे थे और फिर जब प्रशासन से अपनी सुरक्षा में शव को गांव के लिए रवाना किया तो महिला पुलिसकर्मियों के ऊपर भीड़ ने पथराव और लाठी भी चलाए। किसी तरह प्रशासन मृतक के शव को लेकर संतोषी नगर पहुंचा वहां भी ग्रामीणों की भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ और करीब चार घंटे तक गांव में भी तनाव की स्थिति बनी रही। 

जनप्रतिनिधियों की पहल से शांत हुआ मामला

अंत में जनप्रतिनिधियों ने जब इस पूरे मामले में पहल की तो मृतक के परिजन इस बात से सहमत हुए कि उन्हें बार-बार गुमशुदगी के मामले में थाने बुलाकर परेशान ना किया जाए। फिलहाल अभी तक बलरामपुर में सुबह से जिस तरह से कानून व्यवस्था बिगड़ने का माहौल था अब स्थिति शांत हो चुकी है और शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार होगा।