Satta King: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बड़े पैमाने पर जुए-सट्टे का खेल चल रहा है। सट्टेबाजी की शिकायत मिलने पर तोरवा थाना पुलिस ने बुधवार (19 दिसंबर) को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने दबिश देकर सट्टा किंग (Satta King) और उसके एक एजेंट को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में सटोरियों ने बड़ा खुलासा किया है। सटोरिया सैलरी पर एजेंट रखकर सट्टा का कारोबार चला रहा था। 20 हजार महीना एजेंटों को सैलरी देता था। पुलिस ने लैपटॉप, 5 मोबाइल, लाखों की सट्टा-पट्टी और 8500 कैश बरामद किए हैं।
कैसे सटोरियों तक पहुंची पुलिस
एसपी रजनेश सिंह जुआ-सट्टा खिलाने वालों के खिलाफ सख्त हैं। SP ने सभी पुलिस अफसरों और थानेदारों जुआ-सट्टा खेलने और खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। SP के निर्देश के बाद पुलिस लगातार शहर में सटोरियों की तलाश कर रही है। बुधवार को तोरवा थाना पुलिस को शिकायत मिली कि संतोषी मंदिर स्थित शंभू पान ठेला के पास सट्टा चल रहा है।
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पुलिस ने जब्त किया लाखों का सामान
पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो अनिल गंगवानी (37) पिता इंद्रजीत गंगवानी खुलेआम सट्टा खिला रहा था। अनिल लैपटॉप में सट्टे की एंट्री कर रहा था। पुलिस ने दबिश देकर अनिल को गिरफ्तार किया। अनिल के पास से पुलिस ने लैपटॉप, 5 मोबाइल, 8500 कैश और लाखों की सट्टापट्टी जब्त की गई।
सटोरिया ने उगला सट्टा किंग का नाम
पुलिस ने अनिल गंगवानी से सख्ती से पूछताछ की तो सटोरिया ने कई राज उगले। अनिल ने बताया कि वो सट्टा किंग दिनेश टेकवानी के लिए सट्टा खिलाता है। सट्टे का कारोबार चलाने के लिए दिनेश हर महीने अनिल को 20 हजार रुपए सैलरी देता है। अनिल ने पुलिस को सट्टा किंग दिनेश टेकवानी का ठिकाना बताया। पुलिस ने स्वर्ण जयंती नगर स्थित पत्रकार कॉलोनी निवासी दिनेश टेकवानी (59) पिता लक्ष्मणदास टेकवानी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों सटोरियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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जब सटोरिया ने पुलिस को दी थी खुली चुनौती
बता दें कि तीन महीने तोरवा पुलिस ने शंकरनगर-बापू नगर क्षेत्र में सट्टा का अवैध कारोबार चलाने वाले सटोरिया संतोष बजाज को पकड़ा था। सटोरिया ने पुलिस को खुली चुनौती दी थी। सटोरिया ने पुलिस से कहा था कि हां मैं सट्टा खिलाता हूं। पुलिस को रोज 5000 रुपए देता हूं। पुलिसवाले रोज पैसे लेने आते हैं। मुझे पकड़कर क्या करोगे। दम है तो सट्टा किंग को पकड़कर दिखाओ...।
(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। यह आर्थिक जोखिमों के आधीन है। इसमें लत लगना स्वाभाविक है। हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)