रायपुर। एलोपैथी की बजाय आयुर्वेद और औषधियों को खाने में शामिल कर पत्नी के कैंसर मुक्त होने नवजोत सिंह सिद्धू के दावों पर उपजा विवाद और गहरा गया है। पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के डाइट संबंधी दस्तावेज देने के लिए छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने उन्हें 850 करोड़ का नोटिस भेजा था। जिसके जवाब में नेटवर्क ऑफ इंफ्लूएंजा केयर एक्सपर्ट (एनआईसीई) के अध्यक्ष डॉ. बिस्वरूप राय चौधरी ने डॉ. सोलंकी को 8500 करोड़ का नोटिस भेजकर कीमोथैरेपी और सर्जरी से होने वाले लाभ का सबूत मांगा है। प्रसिद्ध क्रिकेटर और पंजाब के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था एलोपैथी दवाओं को बंद कर आयुर्वेद की औषधियों को अपनाने से चालीस दिन के भीतर पत्नी ने कैंसर से जंग जीती। उनके इस बयान के बाद देशभर के एलोपैथी चिकित्सकों में हड़कंप मच गया था और विवाद की स्थिति बन गई थी।
एलौपैथी डॉक्टर्स ने खोला मोर्चा
एलोपैथी और आंकोलॉजी से जुड़े चिकित्सकों ने सिद्धू से दिए गए बयान पर सबूत मांगे थे। टाटा मेमोरियल हास्पिटल के 262 आंकोलाजिस्ट ने इस बयान को लेकर नवजोत और पत्नी सिद्धू को कटघरे में खड़ा किया था। यह विवाद छत्तीसगढ़ से तब जुड़ गया जब छत्तीसगढ़ की सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने सिद्धू को 850 करोड़ का नोटिस भेजकर पत्नी के लाइफस्टाइल में हुए बदलाव डिटेल मांगा था। नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से मामले में कोई जवाब नहीं आया मगर विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। डॉ. सोलंकी और छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी को 8500 करोड़ का नोटिस जारी कर एनआईसीई के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप राय चौधरी ने कीमोथैरेपी और सर्जरी से होने वाले लाभ के सबूत मांगे हैं। जारी नोटिस में उन्होंने कहा कि सिद्धू की पत्नी का आहार उनके द्वारा निर्धारित किया गया है इसलिए जवाबी नोटिस जारी करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है।
प्रेस कान्फ्रेंस में यह कहा था सिद्धू ने
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कान्फ्रेंस लेकर कहा था उनकी पत्नी कैंसर के लास्ट स्टेज में थी। डॉक्टरों ने कहा था उनके बचने के चांस केवल चार फीसदी हैं। सिद्धू के मुताबिक,उनकी पत्नी ने नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब का सिरका, नीम की पत्तियां, तुलसी, कद्दू, अनार, आंवला, चुकंदर और अखरोट जैसी चीजें अपनी डाइट में शामिल की थीं। आयुर्वेद औ डाइट से ही उनकी पत्नी कैंसर मुक्त हो गई हैं।
नहीं आया नोटिस
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने कहा कि, मेरे पास नोटिस नहीं आया है। नोटिस आने के बाद उचित कानूनी तौर पर जवाब देंगे।
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कैंसर से लड़ने वाले पोषक तत्व आयुर्वेद में मौजूद - डॉ. शुक्ला
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. हरीन्द्र मोहन शुक्ला ने कहा कि, कैंसर से लड़ने के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता, विटामिन सी और ई के साथ रक्त की मात्रा अधिक होना जरूरी होता है। आयुर्वेद संबंधी औषधियों में इसके लिए सारे पोषक तत्व मौजूद हैं। औषधि तुलसी,अदरक लौंग, इलायची, दालचीनी, आंवला, सहित अन्य औषधियों को नियमित आहार में शामिल करने से जीवनकाल में वृद्धि के साथ स्वस्थ शरीर की प्राप्ति होती है। इनके सेवन से शरीर को कैंसर सहित अन्य बीमारियों का कारण बनने वाले तत्व समाप्त हो जाते हैं।
यह दिया गया तर्क
सिविल सोसायटी के सवाल के जवाब में डॉ. बिस्वरूप ने यह बताया कि, वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि कीमोथेरेपी और सर्जरी से कैंसर रोगियों को लाभ नहीं होता। वे अक्सर जीवनकाल और जीवन की गुणवत्ता को कम करते हैं और पत्नी सिद्धू का मामला कोई अपवाद नहीं है। 8500 करोड़ के नोटिस पर तर्क दिया गया है कि सिविल सोसायटी की नोटिस से कैंसर रोगियों में इस बात का भ्रम फैल रहा है कि कीमोथेरेपी और सर्जरी से कैंसर रोगियों को राहत मिल सकती है और दूसरी ओर आहार और जीवन शैली में बदलाव की कैंसर से उबरने में कोई भूमिका नहीं है। सात दिन के भीतर डा. कुलदीप सोलंकी से सबूत मांगा गया है कि कीमोथेरेपी और सर्जरी जैसे पारंपरिक कैंसर उपचार से रोगियों की गुणवत्ता और जीवन अवधि में सुधार हो सकता है।