बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी। हत्या के पहले आरोपी ने जिस्मानी रिश्ता बनाया और फिर उसे मार डाला। आरोपी ने लाश पर पेट्रोल छिड़क कर जला दिया। लेकिन जब इससे भी आरोपी का मन नहीं भरा तो उसने हंसिया से लाश को 7 टुकड़ों में काटा और नाले में बहा दिया। 

रविवार की बड़ी खबरें 

प्रेमी ने ही किए थे प्रेमिका के 7 टुकड़े : साथ में पी शराब फिर बनाए संबंध, देर रात पटक कर मार डाला था : 
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी। हत्या के पहले आरोपी ने जिस्मानी रिश्ता बनाया और फिर उसे मार डाला। आरोपी ने लाश पर पेट्रोल छिड़क कर जला दिया। लेकिन जब इससे भी आरोपी का मन नहीं भरा तो उसने हंसिया से लाश को 7 टुकड़ों में काटा और नाले में बहा दिया। 

मौतों पर सियासत : भूपेश बोले- स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मर रहे आदिवासी, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-सियासी बयानबाजी कर रहे भूपेश : बीजापुर जिले के गंगालूर पोटाकेबिन सहित ब्लॉक के आश्रमों में 187 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं। गंगालूर सीएचसी में 20 बच्चों का इलाज चल रहा है। जबकि तीन दिन के अंदर जिले में मलेरिया से दो बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं अब इस पर सियासत शुरू हो गई है।

बलौदाबाजार हिंसा : कई भाजपाइयों के भी शामिल होने के आरोप, पूर्व विस अध्यक्ष बोले-कांग्रेसियों के पास सबूत हैं तो दें: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार ने 10 जून को हुई हिंसा के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे के जनप्रतिनिधियों के इस आंदोलन में शामिल होने के आरोप लगा रही है। पुलिस की सूची में कई ऐसे बड़े नेताओं के नाम शामिल है जो इस आंदोलन में सीधे तौर से शामिल थे।

गैंगस्टर मयंक सिंह ने चलवाई गोलियां : सोशल मिडिया पर पोस्ट लिख कबूली वारदात, अन्य व्यापारियों को भी धमकाया : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार सुबह 11 बजे रायपुर शहर थर्रा गया था। जब दो बाइक सवार शूटरों ने दिनदहाड़े एक कारोबारी पर गोलियां बरसा दीं थी। शूटर पीआरए बारब्रिक प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के हेड प्रहलाद अग्रवाल को डराने के इरादे से यहां पहुंचे थे। इस घटना के बाद मलेशिया में बैठे गैंगस्टर मयंक सिंह ने जिम्मेदारी ली है। जहां उसने सोशल मिडिया में पोस्ट कर जिम्मेदारी ली है। 

डायल 112 की टीम की सूझबूझ : नाला-पहाड़ का रास्ता पार कर कांवड़ से गर्भवती महिला को पहुंचाया वाहन तक: आजादी के 75 सालों बाद भी गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। बरसात के दिनों में गांवों को शहर से जोड़ने वाले रास्ते कीचड़ में बदल जाते हैं। इसके अलावा रास्तों पर पानी भी भर जाता है। ऐसी स्थिति में आवागमन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।