रायपुर। प्रदेशभर के 60 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर यह है कि उनको इस बार जब नए साल में दिसंबर का बिजली बिल मिलेगा तो इसमें डबल राहत मिलेगी। एक राहत सितंबर और अक्टूबर में बिजली की कीमत के अंतर की और दूसरी राहत नवंबर में बिजली की कीमत चार फीसदी कम होने की रहेगी। दिसंबर के बिल में दो माह की बिजली की कीमत का समायोजन करने के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिलने में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।
प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के रूप में बिजली की कीमत बढ़ने से अंतर की राशि वसूली जाती थी, लेकिन इसे केंद्र सरकार ने नए सत्र अप्रैल से बंद कर दिया। इसके स्थान पर केंद्रीय सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य बिजली नियामक आयोग ने अब उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू कर दिया है। इस फार्मूले में नवंबर की बिजली चार फीसदी सस्ती हुई है। नवंबर में ऊर्जा प्रभार पर अक्टूबर से 4.13 फीसदी शुल्क कम लगेगा। अक्टूबर में ऊर्जा प्रभार पर 11.17 फीसदी शुल्क था, जो अब घटकर 7.04 हो गया है। इसी के साथ विधानसभा चुनाव के कारण लगी आचार संहिता के कारण सितंबर और अक्टूबर की कीमत तय नहीं हो सकी थी। वह भी तय होने से इन दो माह के शुल्क में भी करीब तीन फीसदी के अंतर का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। दोनों के बिल का समायोजन भी दिसंबर के बिल में होने से उपभोक्ताओं को डबल राहत मिलेगी।
दो माह के पुराने बिल में भी फायदा
अगस्त में 10.31 प्रतिशत ऊर्जा प्रभार पर शुल्क लिया गया। यही शुल्क सितंबर और अक्टूबर में भी लिया गया। अब सितंबर का शुल्क 6.47 फीसदी तय हुआ है। ऐसे में उपभोक्ताओं को इस माह के बिल में 3.84 फीसदी का लाभ मिलेगा। इसके बाद अक्टूबर का शुल्क 11.17 प्रतिशत हो गया, यानी अगस्त से करीब एक फीसदी ज्यादा। ऐसे में सितंबर और अक्टूबर के बिलों का समायोजन होने के बाद उपभोक्ताओं को करीब तीन प्रतिशत का लाभ होगा। इसमें खपत के हिसाब से जितने कम पैसे होंगे, उपभोक्ताओं के दिसंबर के बिल में कम हो जाएंगे। इसी के साथ नवंबर में भी 4.13 फीसदी शुल्क अक्टूबर की तुलना में कम लगेगा। इसका फायदा भी दिसंबर के बिल में ही मिलेगा।