रायपुर। हरियाणा की तरह ही अब छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल में 14 मंत्री बनाने की तैयारी है। एक दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिल्ली में रात को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन किया है। दिल्ली से लौटने के बाद हरियाणा की 14 मंत्रियों के सवाल पर मुख्यमंत्री साय ने साफ कहा, सब होगा, बस थोड़ा इंतजार करें। हरिभूमि ने 24 दिसंबर के अंक में ही इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है। 

छत्तीसगढ़ जब नया राज्य बना था तो पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और इसके बाद डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में पहले 17 से 18 मंत्री होते थे, लेकिन मंत्रिमंडल में संख्या को जब केंद्र सरकार द्वारा 2003 में संविधान में संशोधन करके प्रतिशत में तय किया गया, तो इसके बाद बड़े राज्यों के लिए विधायकों की संख्या का दस फीसदी और छोटे राज्यों के लिए 15 फीसदी तय किया गया है। इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल को 13 सदस्यों तक सीमित कर दिया गया है, जबकि जानकारों का साफ कहना है कि यहां पर आसानी से 14 मंत्री हो सकते हैं। हरियाणा में भी 90 विधायक है और छत्तीसगढ़ में भी विधायकों की संख्या 90 ही है। हरियाणा में भाजपा सरकार में हमेशा ही 14 मंत्री रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ में भी 14 मंत्री बनाने की तैयारी प्रारंभ हो गई है।

इसे भी पढ़ें... सुशासन दिवस : अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर सीएम साय प्रदर्शनी का करेंगे शुभारंभ, जशपुर में कई कार्यक्रमों में होंगे शामिल

हरियाणा में भाजपा की सरकार में हमेशा 14 मंत्री

हरियाणा और छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखा जाए तो दोनों राज्यों में विधानसभा की 90-90 सीटें हैं। हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। इस बार भी सरकार में 14 सदस्यों का मंत्रिमंडल बनाया गया है। पहले जब मनोहर लाल खट्टर की सरकार बनी थी तो उसकी सरकार में छह कैबिनेट मंत्री, तीन स्वतंत्र प्रभार और पांच राज्य मंत्री थे। इसके बाद दूसरी बार मनोहर लाल खट्टर के मंत्रिमंडल में दस केबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री थे। मनोहर लाल खट्टर  के स्थान पर जब  नायब सैनी मुख्यमंत्री बनाए गए तो उनकी कैबिनेट में सात कैबिनेट सात राज्य मंत्री थे।अब एक बार फिर से नायब सैनी मुख्यमंत्री बने है तो उनके कैबिनेट में 12 कैबिनेट मंत्री  दो राज्य मंत्री है। जहां रडक छत्तीसगढ़ का सवाल है तो डॉ. रमन सिंह के तीन बार  मुख्यमंत्री रहते हुए उनके मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 13 ही रही है। पहली बार 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बने। उनके मंत्रिमंडल में भी 13 ही मंत्री रहे हैं।