रायपुर। राज्य सरकार ने अपने विभागों के स्टाफ सेटअप में संशोधन का फैसला लिया है। सरकार अपने 45 विभागों के जरिए काम करती है। इनमें से अधिकांश के सेटअप राज्य गठन के बाद से पुनरीक्षित नहीं की सकी। इसके कई कारण हैं जिनमें से पहला राज्य गठन और फिर कोरोना काल में मितव्ययिता बरतने के नाम पर सरकारें नामंजूर करती रहीं। 

जबकि राज्य और केंद्र की कई योजनाओं का काम वर्तमान कर्मी ही अतिरिक्त भार के साथ कर रहे हैं। इसमें शिक्षा मिशन, रूसा, आजीविका मिशन, प्र.मं आवास, जेजेएम जैसे बड़े बजट के अभियान भी शामिल हैं। तो इनमें से कुछ के काम संविदा, प्लेसमेंट कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं। पदों की स्वीकृति न होने से कई रेगुलर पदों पर भी संविदा कर्मी काम कर रहे हैं। 

यहां देखें विभागों के स्टाफ सेटअप में संशोधन का लिया गया फैसला

सरकार ने दी अनुमति
इसे लेकर अब सरकार ने मंत्रालय संवर्ग के सेटअप के संशोधन की प्रक्रिया की अनुमति दे दी है। साथ ही इसके के लिए समिति का भी गठन किया है। इसमें अपर सचिव वित्त डॉ. एके. सिंह अध्यक्ष, सदस्यों में जीएडी के उपसचिव, हर विभाग के संयुक्त सचिव या उप सचिव, वित्त विभाग के नियम शाखा के अवर सचिव राजीव झाड़े शामिल हैं। लेकिन आश्चर्य इस बात को लेकर है कि, समिति के प्रतिवेदन को लेकर कोई समयावधि तय नहीं की गई है। 

मंत्रालय के सेटअप को अब तक नहीं मिली मंजूरी 
वहीं दूसरी तरफ एक पहलु यह भी है कि, मंत्रालय के सेटअप को अब तक मंजूरी नहीं मिली है। जबकि सचिव जीएडी, वित्त और मुख्य सचिव की मंजूरी के बाद विभागीय मंत्री मुख्यमंत्री का अनुमोदन हो चुका है। इसके लिए 5 करोड़ का सालाना बजट भी मंजूर हो गया है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सीएम से अनुमोदित प्रस्ताव पर चर्चा करें, लिखकर रोक दिया है। जबकि, ऐसे दृष्टांत बहुत कम मिलते हैं। मंत्रालय संवर्ग के सेटअप में 134 पदों की वृद्धि प्रस्तावित है।