आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। सरगुजा के बतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। डॉक्टरों की कमी के साथ ही हफ्ते भर से 108 संजीवनी का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से क्षेत्रवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि, बतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक मात्र मरीजों का सहारा 108 संजीवनी वाहन के खराब होने से मरीज आए दिन परेशान हो रहे हैं। मरीज को रायपुर पहुंचाने के दौरान एक संजीवनी वाहन खराब पड़ा हुआ है। हफ्ते भर से क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। लोग मरीजों को प्राइवेट वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित रिफर के केस में जिला अस्पताल लेकर जा रहे हैं।
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान
एक तरफ तो संजीवनी वाहन की सुविधा नहीं मिल रही वहीं दूसरी तरफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर्स की कमी भी है। क्षेत्र की जिम्मेदारी दो डॉक्टर्स ने उठा रखी है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गणेश बेक और डॉ अजहर हुसैन मंसूरी ओपीडी के साथ आपातकालीन में भी लगातार ड्यूटी में हैं जबकि डॉ अर्चना मिश्रा हमेशा छुट्टी में ही रहती हैं। बीएमओ डॉ संतोष सिंह कार्यालय कामकाज के साथ अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी तले दबे जा रहे हैं। जिससे अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है और मरीज परेशान हो रहे हैं।
कुछ डॉक्टरों की शिफ्ट बढ़ा दी गई
इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 9 डॉक्टरों की पद स्थापना होनी थी। डॉक्टरों की कमी के कारण प्रबंधन को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर आर एम ओ और डॉ. संतोष टोप्पो और डॉ नैन सिंह की ड्यूटी मजबूरी में लगाई जाती है।
अस्पताल में डेरा जमाए बैठा है बीएमओ
डॉक्टरों की कमी के संबंध में बीएमओ ने कभी भी ठोस पहल नहीं किया। इस वजह से ही पिछले कई सालों से अटैचमेंट डॉक्टरों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। छोटे-छोटे मामलों के मरीज भी जिला अस्पताल रेफर कर दिए जाते हैं। यहां पदस्थ बीएमओ पिछले 6 सालों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाथ-पांव जमा कर बैठे हैं। जिनका निवास स्थान भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 3 किलोमीटर के दायरे में है जिसका भरपूर लाभ उठाते हुए अस्पताल में मनमानी कर रहे हैं।
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अस्पताल में डॉक्टरों की कमी पूरा करने की कोशिश जारी - विधायक
मामले में सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि, अस्पताल में डॉक्टरों की कमी पूरा करने की कोशिश की जा रही है। हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर्स की मांग की गई है। संजीवनी वाहनों के बारे में कहा कि, 108 वाहन मरीजों को सेवा नहीं दे रहे हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।