रायपुर। साहित्य इंसान को जीवन जीना सीखाता है। हर व्यक्ति के जीवन में इसका बड़ा महत्व है। साहित्य कहानी, कविता या गीत के रूप में बचपन से ही हमसे जुड़ जाता है और अंत तक जुड़ा रहता है। साहित्य पढ़ते-पढ़ते ही साहित्य लिखने वाले भी उभर कर आते हैं। नवोदित कलमकार जो अपनी भावनाओं को कागज पर उतार पाए उन्हें जरूरत होती है मंच की। मंच जहां से वे अपनी बात औरों तक पहुंचा सकें।
राजधानी रायपुर की सामाजिक और साहित्यिक संस्था ‘वक्ता मंच’ शहर के कलाकारों को यही अवसर देता है। शनिवार को मैग्नेटो मॉल के संतोष हॉल में वक्ता मंच ने ‘रचना पाठ स्पर्धा’ का आयोजन किया। इस स्पर्धा में भाग लेने के लिए रायपुर ही नहीं बल्कि दुर्ग-भिलाई और अन्य शहरों से भी कलमकार आए। कलमकारों ने लघु कथा, कविता, गीत और गजल आदि विधाओं में हिन्दी, उर्दू और छत्तीसगढ़ी में अपनी प्रस्तुति दी। प्रतियोगिता में नन्हीं तूषिका ने मृदुल भजन से समां बांधा।
यामिनी पांडे ‘सूर्यजा’ और ओसमणि साहू प्रथम
कलमकारों ने जिंदगी, वसुधैव कुटुंबकम, बेटी, आपबीती, बस्तर, राखी और सैनिक के परिवार आदि मार्मिक विषयों पर अपने विचार रखा। इस रचना पाठ स्पर्धा में यामिनी पांडे ‘सूर्यजा’ और ओसमणि साहू ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हाजी रियाज खान गौहर ने दूसरा स्थान, नवेद रजा- इस्माईल आजाद ने तीसरा, सुमीत यादव ने चौथा, प्रतीक कश्यप ने पांचवां, नौरीज नाज, रुनाली चक्रवर्ती, मन्नूलाल यदु, अपूर्व तिवारी ने छठा स्थान और यशवंत यदु ने सातवां स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
ये रहे मौजूद
आयोजन की मुख्य अतिथि शुभा शुक्ला ‘निशा’ रहीं। शहर की प्रसिद्ध कवयित्री उर्मिला देवी ने अध्यक्षता की। स्पर्धा के निर्णायक माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ और अतल ओम शुक्ला रहे। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष राजेश पराते भी मौजूद रहे।