रायपुर। छत्तीसगढ़ के 28 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए विष्णुदेव सरकार तीन नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। तीन नई योजनाओं का अनुमोदन शुक्रवार को श्रम मंत्री सह अध्यक्ष् छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल लखन लाल देवांगन की अध्यक्षता में हुई है। इस अवसर पर नवा रायपुर के मण्डल कार्यालय में आयोजित संचालक मंडल की तृतीय बैठक में लिया गया।

छत्तीसगढ़ में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा योजना की शुरुआत जाएगी। राज्य स्थापना दिवस के अवसर इस योजना की शुरूआत होगी। इसी तरह निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और उनके बच्चों को उच्च शिक्षा आईआईटी, जेईई, नीट, सीए की परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना की शुरुआत होगी। 

इसे भी पढ़ें...पुलिस भर्ती के लिए प्रशिक्षण : एसडीओपी ने दिए टिप्स, बोले- अति उत्साही ना बनें, फिजिकल से पहले हल्का-फुल्का वार्मअप करें 

सभी जिलों में होगी श्रम अन्न योजना की शुरूआत

छत्तीसगढ़ के 26.68 लाख निर्माणी श्रमिकों और उनके बच्चों को कौशल उन्नयन के लिए निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना भी प्रारंभ की जाएगी। संचालक मंडल की बैठक में श्रम मंत्री सह अध्यक्ष लखन लाल देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की श्रमिक सम्मेलन में घोषणा अनुरूप शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना अंतर्गत सभी जिलों में योजना शुरू करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में 9 जिलों में कुल 33 भोजन केंद्र संचालित हैं। बोर्ड की बैठक में निर्माणी श्रमिकों और उनके परिवारों के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। 

निर्माण श्रमिकों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण 

इस बोर्ड की बैठक में निर्माणी श्रमिकों और उनके परिवारों के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। यह परीक्षण स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी से कराएं जाने का निर्णय लिया गया। इससे 26 लाख से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगी। 

इसे भी पढ़ें...इसे भी पढ़ें...  IIT भिलाई पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु : तृतीय और चतुर्थ दीक्षांत समारोह शुरू, देखिए LIVE

बिना पंजीकृत श्रमिकों के मृत्यु पर मंडल देगा 1 लाख रूपए

मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु और दिव्यांग सहायता योजना के तहत बूथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को कार्यस्थल में दुर्घटना मृत्यु पर 5 लाख रूपए, स्थाई दिव्यांगत में ढाई लाख, सामान्य मृत्यु पर उनके वैध उत्तराधिकारी को एक लाख रूपए की राशि दी जाती है, लेकिन अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मृत्यु उपरांत राशि देना का प्रावधान नहीं है। इस बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि, ऐसे श्रमिक की कार्यस्थल पर अगर मृत्यु होती है तो उनके परिवार को एक लाख की सहायता राशि दी जाएगी। 21 अक्टूबर को जिला महासमुन्द के श्रमिक परमानंद ध्रुव की ऊंचाई से गिरने से उसकी मौत हो गई थी। मृतक श्रमिक अपंजीकृत श्रमिक है। इस बोर्ड की बैठक में मृतक की पत्नी को एक लाख रूपए सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

ये लोग रहे मौजूद 

इस बैठक में श्रम विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल वर्मा, बीओसी की सचिव सविता मिश्रा, मुख्य निरीक्षक सह श्रमायुक्त एसएस पैकरा सहित अन्य उपस्थित रहे थे।