रायपुर। स्थायी भर्ती के बाद एम्स में दस साल से सेवा देने वाले ठेका कर्मियों को हटाए जाने से नाराज कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को सात सौ से अधिक कर्मचारियों द्वारा काम नहीं किए जाने की वजह से ओपीडी-आईपीडी सहित एम्स की उपचार व्यवस्था ठप रही। कर्मचारियों ने एम्स के दरवाजे पर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से अपना विरोध जताया। एम्स के आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ का आरोप है, ठेका एजेंसी के माध्यम से वे लंबे समय से एम्स में कार्यरत हैं। कुछ समय पहले एम्स प्रबंधन की ओर से केंद्रीय आदेश का हवाला देते हुए स्थायी भर्ती कर उन्हें फरवरी के बाद हटाने का फरमान जारी किया गया है।

कर्मचारियों का कहना है कि, कोरोना महामारी जैसी विपरीत परिस्थिति के साथ सालों से वे एम्स को सेवा दे रहे हैं। अचानक नौकरी से हटाए जाने से उनका भविष्य अंधकार में चला जाएगा। वार्ता से बात नहीं बनने पर मंगलवार को ठेका कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। उनके हड़ताल पर जाने की वजह से ओपीडी में आने वाले मरीज पंजीयन के लिए भटकते रहे। किसी तरह इसका विकल्प आया, मगर ओपीडी आईपीडी में चिकित्सकीय स्टाफ की अनुपस्थिति की वजह से उपचार भी प्रभावित हुआ। सामान्य दिनों में डेढ़ हजार से अधिक की ओपीडी पांच सौ में सिमटकर रह गई।

उग्र आंदोलन करेंगे 

आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि, प्रदर्शन के दौरान उन्होंने एम्स प्रबंधन से चर्चा का प्रयास किया, मगर उनकी ओर से नियमों का हवाला देकर मांगों को अनसुना कर दिया गया है। बुधवार को भी उनकी हड़ताल जारी रहेगी और बात नहीं बनने पर उनके द्वारा भूख हड़ताल करने की चेतावनी भी दी गई है। अध्यक्ष ने कहा है कि मांग पूरी नहीं होने पर वे उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी एम्स प्रबंधन की होगी।

थोड़ी देर हुई बाधित

एम्स के जनसंपर्क अधिकारी शिवशंकर शर्मा ने बताया कि, प्लेसमेंट कर्मचारियों के काम नहीं करने की वजह से थोड़ी देर बाधित हुई। थी। इसके बाद प्रबंधन की ओर से वैकल्पिक इंतजाम कर लिया गया था। केंद्र सरकार द्वारा स्थायी भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांगों को अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है।

प्रभारी डायरेक्टर के भरोसे एम्स

 एम्स में स्थायी डायरेक्टर की समस्या का अब तक समाधान नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार अपनी लंबी प्रक्रिया के बाद भी यहां किसी की नियुक्ति का आदेश जारी नहीं कर पाई है। प्रभारी डायरेक्टर के भरोसे एम्स का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। यहां मरीजों से लेकर कर्मचारियों को होने वाली समस्या की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। एम्स का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो गया, मगर इस बारे में किसी ने भी कुछ बोलने से इनकार कर दिया है।