फिरोज़ खान-अंतागढ़। छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ ब्लॉक का ग्राम पंचायत कोसरोंडा गांव कभी माओवाद प्रभाव के चलते विकास से दूर था। यहां के ग्रामीणों पर माओवादियों ने सितम ढाया और आज की वर्तमान स्थिति में ग्रामीण सिस्टम के सामने लाचार है। यह वही कोसरोंडा गांव है जहां 2009 में एक रात में 4 ग्रामीणों की हत्या माओवादियों द्वारा कर दी गई थी। पूरा गांव 1 ही रात में खाली हो गया था, पर वक्त के साथ सरकारें बदली सिस्टम में बैठे जिम्मेदार बदले लेकिन नहीं बदली तो इस गांव के सड़क की तस्वीर है। 

ठेकेदार ने सड़क पर बोल्डर डालकर ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी। जिस वजह से राहगीरों और ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि, सड़क पर ठेकेदार ने बोल्डर डालवा दिया है। जिस वजह से दो पहिया वाहन चलाने में परेशानी हो रही है। 

अभी तक अधूरा पड़ा है सड़क निर्माण कार्य 

बता दें कि, अनुबंध के आधार पर 51.70 लाख की लागत से 6 किलोमीटर सड़क बनाई जानी थी। वर्ष 2020 में इस सड़क का कार्य पूर्ण हो जाना था, लेकिन ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से ये सड़क आज तक नहीं बन पाई।

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छह साल बाद भी नहीं हुई कोई सुनवाई 

ग्रामीणों ने बताया कि, पिछले करीब छह सालों से सड़क निर्माण कार्य अपूर्ण स्थिति में है, जो  लोकनिर्माण विभाग के उदासीन रवैए को साफ दर्शाता है। वही ग्रामीणों का यह भी कहना था कि उच्च स्तर पर मामले की शिकायत की गई है पर छह साल बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। वहीं संवेदन शील क्षेत्र होने का फायदा उठा कर ठेकेदारों द्वारा इस तरीके की मनमानी की जाती है।