रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों ने अनियमित कमेटी में बदलाव की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है। छत्तीसगढ़ राज्य समस्त विभाग के 2008 के बाद रखे गए बिना नियुक्ति पत्र के श्रम आयुक्त दर का मासिक वेतन बिना किसी बिचौलिए के अपने खाते में प्राप्त करने वाले, तृतीय चतुर्थ श्रेणी के समकक्ष कार्यरत कर्मचारीयों का संगठन दैनिक श्रमिक मोर्चा द्वारा राज्यपाल महोदय को ज्ञापन दिया गया।

इस ज्ञापन में सरकार के विरुद्ध कोई धरना, रैली, प्रदर्शन, घेराव ना करने का अनोखा शपथ, वादा किया गया है। मोर्चा ने सरकार को अनियमित कमिटी में जन प्रतिनिधियो को, महाधिवक्ता पैनल के अधिवक्ताओं को,सामान्य प्रशासन, वित्त, विधि विधायी विभाग के अधिकारियों को रखने का सुझाव दिया है। सभी संगठनों से सुझाव लिखित रूप से मंगाने, बारिक कमिटी की बैठक अनिवार्य रुप से माह में दो बार करने, समस्त संगठनों के अलग-अलग प्रकार के कर्मचारियो के प्रकार अनुसार पृथक-पृथक निर्णय और बैठक में शामिल करने की मांग रखी गई है।

दो कर्मचारियों को कमेटी में रखने की मांग 

समस्त संगठनों में पंजीकृत अपंजीकृत के दो दो कर्मचारियो को कमिटी में प्रतिनिधियों के रूप में शामिल रखने का एवं हर बैठक के पश्चात उसमें हुई गतिविधि निर्णय को प्रेस के माध्यम से सार्वजनिक करने का अनुरोध किया गया है। बारीक कमिटी को अपना निर्णय एक निश्चित तिथि तक सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश देने का कथन भी ज्ञापन में है। 

7 लाख 20 हजार हैं अनियमित कर्मचारी 

आपको बता दें कि, वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में सविंदा केंद्रीय/राज्य के, दैनिक वेतन भोगी कलेक्ट दर-वैतनिक नियुक्ति पत्र वाले केंद्रीय/राज्य, आउट सोर्सिंग, ठेका, प्लेसमेंट, अंशकालीन केंद्रीय/राज्य, जॉब दर केंद्रीय /राज्य, मानदेय केंद्रीय /राज्य, अनियमित दैनिक मासिक श्रमिक श्रमायुक्त दर-वैतनिक बिना नियुक्ति पत्र वाले राज्य के कर्मचारी समस्त 54 से अधिक विभागों निगम मंडल आयोग में कार्यरत है। इन सभी की संयुक्त संख्या लगभग 7 लाख 20 हजार के करीब है।