रायपुर। रायपुर जिले की शासकीय शराब दुकानों में कार्यरत सुरक्षा गार्डों  ने एसआईएस कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुरक्षा गार्डों को पिछले ढाई माह से कंपनी ने वेतन नहीं दिया है। इससे परेशान होकर सैकड़ों की संख्या में सुरक्षा गार्डों ने बुधवार को सिविल लाइन स्थित आबकारी कार्यालय का घेराव कर यहां प्रदर्शन किया। सुरक्षा गार्डों के प्रदर्शन करने की खबर मिलते ही आबकारी विभाग में हड़कंप मच गया। विभागीय अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लेकर कंपनी के लोगों को तत्काल कार्यालय बुलाया और सुरक्षा गार्डों को 3 दिन के भीतर वेतन देने का अल्टीमेटम दिया। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ,इसके बाद भी कंपनी वेतन का भुगतान समय पर नहीं करती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रायपुर जिले में शासकीय शराब दुकानों में गार्डों  की नियुक्ति के लिए विभाग ने एसआईएस सुरक्षा कंपनी को ठेका दिया है। कंपनी को यह ठेका अप्रैल 2024 में दिया गया है। इससे पहले यह ठेका दूसरी सुरक्षा कंपनी को दिया गया था। इस कंपनी के भीतर जिलेभर में अलग-अलग शिफ्ट में लगभग ढाई सौ सुरक्षा गार्ड काम करते हैं। एसआईएस कंपनी को ठेका मिले लगभग ढाई माह हो चुका है, लेकिन ड्यूटी कर रहे सुरक्षा गार्डों में बमुश्किल 25 से 30 को ही वेतन दिया गया है, शेष सुरक्षा गार्डों को अब तक वेतन नहीं ने दिया गया है। इससे परेशान होकर सुरक्षा गार्डों ने 1 कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आबकारी कार्यालय का घेराव किया।

3 दिन में वेतन नहीं दिया तो एक्शन लेंगे

आबकारी रायपुर उपायुक्त विकास गोस्वामी ने बताया कि, सुरक्षा गार्डों को दो माह का वेतन नहीं मिला है। एसआईएस कंपनी का कहना है कि, खाते अपडेट नहीं हैं, जिसके कारण पैसे ट्रांसफर नहीं हो रहा है। बातचीत के बाद कंपनी को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद भी वेतन नहीं दिया तो नोटिस जारी कर एक्शन लेंगे। 

खाते अपडेट नहीं होने का बहाना बना रही कंपनी - सुरक्षा गार्ड

कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलकर आबकारी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे सुरक्षा गार्डों ने हरिभूमि से बातचीत में बताया कि उनका वेतन सीधे उनके खाते में आता है। सभी सुरक्षा गार्ड पुराने हैं, जो पिछले कई साल से शराब दुकानों में गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। सभी सुरक्षा गार्ड के खाते अपडेट हैं, लेकिन नई कंपनी खातों को अपडेट नहीं होने का बहाना बनाकर वेतन दे नहीं रही है। उन्होंने बताया कि एक माह का वेतन नहीं मिलने के बाद कंपनी के लोगों ने कहा था कि एक सप्ताह के भीतर उनका रुका वेतन उनके खातों में पहुंच जाएगा, लेकिन ढाई माह बीत गए पर अब तक उनके खातों में वेतन के पैसे नहीं पहुंचे हैं।