जितेंद्र सोनी-जशपुर। जशपुर में जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है। देर रात जंगली हाथी ने एक ग्रामीण के घर पर हमला कर दो सगे भाइयों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची है और मामले में मुआवजा प्रकरण की तैयार कर रही है।

दरअसल, यह घटना जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत केरसई पंचायत का है। जहां देर रात तकरीबन 3 बजे गांव के राँपाडाँड़ मोहल्ले में जंगली हाथी ने एक ग्रामीण के घर पर हमला कर घर को तोड़ना शुरु कर दिया। घर टूटने की आवाज सुनकर बाहर निकले एक भाई ने हाथी को देखते ही शोर मचाना शुरु किया। इस दौरान हाथी ने उसपर हमला कर उसे सूंड से उठाकर जमीन पर पटककर अपने पैरों से दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं जब दूसरा भाई अपने भाई को बचाने निकला था तो वह भी जंगली हाथी की चपेट में आ गया और हाथी ने उसकी भी जान ले ली। इसके बाद घर के अन्य सदस्यों ने भागकर अपनी जान बचाई। 

मौके पर पहुंचा वन विभाग

पिछले 6 महीने से विचरण कर रहा जंगली हाथियों का दल 

वन विभाग के मुताबिक, तपकरा वन परिक्षेत्र में पिछले 6 महीने से जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। अभी कुछ दिनों से क्षेत्र में 9 हाथियों का दल अलग-अलग विचरण कर रहा है, जिसके लिए वन विभाग ने 4-4 वन कर्मियों और हाथी मित्र दलों को 1-1 हाथी के पीछे तैनात कर उनके मूवमेंट पर निगरानी के लिए लगाया है। फिलहाल वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर हाथी के हमले में मृत दोनों भाइयों के परिजनों से मिलकर मुआवजा प्रकरण तैयार कर रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि, इन दो भाइयों की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है और कब तक हाथियों के हमले से लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे। क्या मानव हाथी द्वंद रोकने का शासन-प्रशासन के पास कोई भी उपाय नहीं है।