रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों को दो साल का बकाया बोनस की राशि राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाने के बाद भी जिन डेढ़ लाख किसानों को रकम नहीं मिल पाई थी, उन्हें अब राशि मिलनी शुरू हो गई है। अपेक्स बैंक के सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 7 हजार किसानों को उनके हिस्से की राशि मिल गई है। बताया गया है कि अधिकतर मामलों में किसान कोड बदल जाने से राशि रुकी थी, लेकिन अब सोसाइटी से लेकर तहसीलदार स्तर पर सुधार का काम किया जा रहा है।
गड़बड़ी कैसी-कैसी
राज्य सरकार द्वारा राशि जारी किए जाने के बाद भी किसानों को नहीं मिल पाने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। बैंक सूत्रों के अनुसार किसान के बैंक अकाउंट और आईएफएससी कोड में गड़बड़ी के कारण राशि ट्रांसफर नहीं हो पाई। ज्यादातर मामलों में अकाउंट की त्रुटि सामने आई है। सोसाइटी के सूत्रों का कहना है कि किसान कोड बदलने से ऐसा हुआ है। जैसे किसी किसान की मृत्यु होने पर उसके वारिसों के नाम जमीन ट्रांसफर होने के साथ ही किसान कोड बदल गया। इसी तरह कई किसान जीवित भी है, लेकिन उनके किसान कोड बदलने से डाटा बदल गया।
3717 करोड़ रुपए जारी किए हैं सरकार ने
राज्य की भाजपा सरकार ने 2023 के चुनावी घोषणापत्र में राज्य के किसानों से किया गया वादा पूरा करते हुए वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 का धान की बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपए का भुगतान 25 दिसंबर 2023 को किया था, लेकिन राज्यभर में करीब डेढ़ लाख किसानों के खाते में राशि नहीं पंहुच पाई थी। यह राशि करीब 500 करोड़ रुपए होती है। यह राशि किसानों को अदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ऐसे मिल रही है राशि
जिन किसानों को बोनस की राशि नहीं मिल पाई है, उन्हें यह राशि हासिल करने के लिए अपनी सोसाइटी में आवेदन करना है। इस आवेदन के आधार पर सोसाइटी डाटा में सुधार करके उसे तहसीलदार के पास भेजेगी। तहसीलदार डाटा में ऑनलाईन सुधार करेंगे। इसके बाद किसान को उसके खाते में राशि मिल जाएगी। इसी प्रक्रिया के तहत राज्यभर में अब तक करीब सात हजार किसानों को बकाया बोनस की राशि मिल चुकी है।