संजय यादव -कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पहली बार दो आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुलिस की नौकरी मिली है। जिनको पुलिस की वर्दी भी दिया गया है। दोनों आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 13 लाख रूपए का इनाम भी घोषित था।
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 2021- 2022 में माओवादी संगठन छोड़कर पुलिस के समक्ष समर्पण किया था। एक समय था जब ये दोनों नक्सली दिवाकर और तिजू जंगलों में रहते थे। हाथ में बंदूक लेकर पुलिस के साथ मुठभेड़ किया करते थे, लेकिन अब जिला पुलिस कबीरधाम में शामिल होने के बाद माओवादी संगठन से खुद लोहा लेने के लिए तैयार हो चुके है। दोनों नक्सली पुलिस जवान के रूप में देश की सेवा करने को तैयार है।
13 लाख की इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, कई वारदातों में थी शामिल
वहीं कुछ दिन पहले ही जिले में एक बार फिर से छत्तीसगढ़ शासन के नक्सलवाद उन्मूलन और पुनर्वास नीति योजना का प्रभाव देखने को मिला है। 8 साल से लगातार नक्सली संगठन में सक्रिय रहने वाले 13 लाख की 24 वर्षीय इनामी महिला नक्सली रंजीता उर्फ हिडिमा कोवासी ने कबीरधाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सरकार की नीति के अलावा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। अभियान से प्रभावित होकर और कबीरधाम जिले के अंदरूनी क्षेत्र में लगातार नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से नक्सली ने आत्मसमर्पण किया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि, आत्म समर्पित महिला नक्सली पिछले 8 सालों से संगठन में सक्रिय रही। मलाजखंड एरिया कमेटी सदस्य रंजीता पर 13 लाख का इनाम था। जिला खैरागढ़, छुईखदान, गंडई क्षेत्र अंतर्गत 3, जिला बालाघाट मध्यप्रदेश क्षेत्र अंतर्गत 19 नक्सली घटनाओं में शामिल रही है।
25 लाख के इनामी नक्सली की पत्नी है रंजीता
नक्सली रंजीत ने संगठन में 25 लाख के इनामी नक्सली विकास से विवाह किया था। बाद में वह अलग हो गए थे, आत्मसमर्पण करने पर नक्सली रंजीता को पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपए दिया गया। वहीं छत्तीसगढ़ शासन से 5 लाख रुपए जल्द ही दिया जाएगा। इसके साथ ही पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं दी जाएंगी। नक्सली रंजीता के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस ने रंजीता के पति विकास और अन्य नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की है।