रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर कमिश्नर ने सरपंच के विरुद्ध अतिक्रमण की शिकायत की सूक्ष्म जांच करने का निर्देश जारी किया है। कमिश्नर कावरे ने कलेक्टर और SDM के फ़ैसले में पंचायत राज अधिनियम की धारा 36 और धारा 40 प्रावधानों के तहत जांच कर एक माह में निराकरण के करने के निर्देश दिए हैं। सरपंच और उनके परिजनों द्वारा अतिक्रमित ज़मीन पर पक्का मकान और दुकान बनाने की शिकायत उप सरपंच और पंचों ने की थी।
दरअसल पूरा मामला धमतरी ज़िले की कुर्रा ग्राम पंचायत का है। जहां के सरपंच खम्हन लाल साहू और उनके परिजनों ने चार स्थानों पर गांव की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है। जिसकी शिकायत गांव के उप सरपंच और पंचों ने की थी। जिसके बाद भखारा के तहसीलदार ने की और सरपंच के परिजनों पर अर्थदंड लगाया था। शिकायतकर्ताओं ने आगे कार्रवाई के लिए कुरुद के SDM न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया परंतु SDM ने प्रकरण ख़ारिज कर दिया था।
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शिकायतकर्ताओं कलेक्टर न्यायालय में की थी अपील
SDM के फ़ैसले के विरुद्ध शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर न्यायालय में अपील की थी। धमतरी कलेक्टर ने भी एसडीएम के फ़ैसले को सही मानते हुए प्रकरण में अपील की मांग ख़ारिज कर दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर और SDM के फ़ैसले के विरुद्ध रायपुर कमिश्नर न्यायालय में अपील की थी। जिसके बाद कमिश्नर कावरे ने पूरे प्रकरण में दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर जिरह के लिए बुलाया और प्रस्तुत साक्ष्यों का प्रतिपरीक्षण किया।
कमिश्नर ने जांच के दिए निर्देश
सबूतों के आधार पर कमिश्नर कावरे ने SDM के आदेश और कलेक्टर के अपील ख़ारिज करने के फ़ैसले को पलट दिया। कमिश्नर ने प्रकरण की सुनवाई के बाद उसे पंचायत राज अधिनियम की धारा 36 और धारा 40 के तहत कार्रवाई योग्य माना। उन्होंने प्रकरण में मिले सबूतों के आधार पर अवैध अतिक्रमण पर तहसीलदार के प्रतिवेदन और सरपंच पर शासकीय विकास कामों के प्रति लापरवाही करने के मामले में सरपंच के परिजनों द्वारा शासकीय भूमि पर किए गए
अवैध अतिक्रमण की भी सूक्ष्म जांच करने के निर्देश दिए है।