रायपुर। किर्गिस्तान की शिक्षा मंत्री सुश्री केंद्रीबेवा शरशीनेवा ने कहा कि यहां पर जो घटना हुई, वह एक फेक न्यूज की वजह से हुई। सोशल मीडिया के माध्यम से घटना को बड़ा करके दिखाया गया। अब यहां पर माहौल शांत हो गया है। यहां पर जो शिक्षा व्यवस्था है, वह पहले की तरह अच्छी रहेगी। छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की शिक्षा देने का प्रयास हो रहा है। आगे भी यहां की शिक्षा व्यवस्था पहले की तरह ही प्रभावी रहेगी, सुरक्षित और स्तरीय रहेगी, इसका मैं भरोसा दिलाती हूं। किर्गिस्तान में हरिभूमि- आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने चर्चा की। पेश है उसके कुछ अंश-
▶ किर्गिस्तान में भारत के पढ़ने वाले बच्चों की हालत बहुत खराब है इसलिए हम यहां आए हैं, इस बारे में आपका क्या मत है ?
▶ यहां पर 13 मई के जो हालात थे वो अच्छा नहीं था, इसके लिए हम दुखी हैं। यहां पर विभिन्न देशों के बच्चे यहां पर पढ़ रहे हैं। अध्यक्ष ने स्वयं इसे कंट्रोल किया है। उन्होंने हमें इसे नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। बहुत से बच्चे यहां से जा चुके हैं। उनके लिए हमने ऑनलाइन क्लासेस का ऑप्शन रखा है। हम बच्चों से बात कर रहे हैं और उनसे संपर्क में लगातार हैं।
▶ इतनी बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ने के लिए आते क्यों हैं?
▶ सबसे बड़ा इसका कारण यह है कि किर्गिस्तान एक लिबरल कंट्री है। हमारे यहां की शिक्षा व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। प्राइस वाइस देखें तो छात्रों को लिए बहुत अफोर्डेबल है।
▶ एक छोटी से मारपीट की घटना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो गई क्यों ?
▶ आज के समय में सोशल मीडिया बहुत सक्रिय है। सोशल मीडिया पर कंट्रोल किसी का नहीं है, इसके कारण यह घटना जल्दी ही अन्य क्षेत्रों तक पहुंची, लेकिन आज सुबह भी एक मीटिंग हुई थी उसमें भी सभी छात्रों से कहा गया है कि वे अपने को सुरक्षित महसूस करें। शासन, सुरक्षा एजेंसी और अन्य संगठनों से जिनसे छात्र टच में रहते हैं। उनसे भी बात की गई है। आने वाले समय में छात्र अपने को सुरक्षित महसूस करें उसके लिए अन्य कार्यक्रम कराएंगे।
▶इजिप्ट, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारतीयों की बात हो रही है। जिस प्रकार का घटना क्रम है, क्या ये देश आगे सुरक्षित रहेगा ?
▶ ये जो घटनाक्रम अभी हुआ इसका सबसे बड़ा कारण था फेक न्यूज। फेक न्यूज के तहत कुछ फोटो और वीडियो निकाले गए। हमारी आईटी टीम ऐसी फेक न्यूज को कंट्रोल करने में लगी है ताकि ऐसी बात आगे न हो। हम सांस्कृतिक गतिविधि दो कंट्रीज के बीच शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इन देशों के बच्चों को उनकी संस्कृति के बारे में पता चल सके उस पर भी काम करने का प्रयास कर रहे हैं।
► बच्चों की परीक्षा होने वाली थी, इसे ऑनलाइन कराना है या कैसे हो इस पर निर्णय लेंगे।
▶ हमारा देश बहुत दयालु और सुरक्षित हैं। हमारे देश के लोग आक्रामक नहीं हैं। हमारे देश के लोग विदेश के लोगों को पसंद करते हैं। इसे लेकर कभी कोई विवाद नहीं है। अगर आप पहली बार आए है तो सिटी में जाएंगे तो इसे देखेंगे। जहां तक कॉलेज की बात है वहां पर छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस की परमिशन दी हुई है। जहां तक ऑनलाइन परीक्षा की बात है कॉलेज यहां पर ऑटोनामस है उन्हें निर्णय लेने का पॉवर दिया गया है। बच्चे किर्गिस्तान को क्यों प्रिफर करते हैं क्योंकि यहां की शिक्षा लोगों के लिए सस्ती है। उन्होंने दो कॉलेज का नाम लिया एक किर्गिस्तान मेडिकल एकेडमी, आईएचएस यहां पर शिक्षा को इंप्रूवमेंट करने का प्रयास करते हैं। इनका जो इंटनेशनल वेटिंग और इनके पासिंग परसेंट इंडिया में उससे 100 टाइम अच्छा है। यहां के शिक्षक भी काफी अच्छे हैं। भारत और किर्गिस्तान का अच्छा संबंध रहा है।
▶ भारत के 17 हजार से अधिक बच्चे यहां पर पढ़ते हैं। शिक्षा मंत्री उनके पैरेंट को क्या कहना चाहेगी?
▶ यहां की छोटी सी घटना को इतना बड़ा बताया गया जिससे आप डरे उसके लिए मैं आपसे सॉरी कहना चाहूंगी। अब यह सब मामला समाप्त हो चुका है। अब पहले जैसा माहौल हो गया है।