कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने सतनामी समाज के 150 लोगों की जमानत मंजूर हुई है। जबकि पहले ही 30 से अधिक लोग जमानत पा चुके थे।  इस मामले में 187 गिरफ्तारियां हुई थीं। सभी लोग हिंसा के आरोप में कई लोग महीनों से जेल में बंद थे। इस फैसले से पीड़ितों और उनके परिवारों को राहत मिली है।

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उपद्रवियों ने फूंक डाला था कलेक्ट्रेट दफ्तर

उल्लेखनीय है कि, बलौदाबाजार में हुई आगजनी और हिंसा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। यह पूरे देश की पहली ऐसी घटना है जिसमें उपद्रवियों के द्वारा कलेक्टर और एस पी कार्यालय को जला दिया गया था। हिंसा में उपद्रवियों ने 12.5 करोड़ की शासकीय एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। गिरौदपुरी धाम स्थित महकोनी ग्राम के अमरगुफा की घटना के बाद उपजे विवाद के बाद उग्र भीड़ ने 10 जून को बलौदाबाजार शहर और जिला संयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की थी। जिला प्रशासन के मुख्य कार्यालय- एसपी और कलेक्टर के कार्यालय तक को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। इस आगजनी में दो दमकल की गाड़िया सहित 200 से अधिक वाहन को आग के हवाले कर दिया गया था। वहीं 25 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस घटना में 12.53 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया गया है।