रायपुर। भद्रा के हटते ही आज देर रात होलिका दहन किया जाएगा। ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन पूर्णिमा पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।
चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक मान्य नहीं रहेगा। हालांकि इस बार भद्रा देर रात तक रहेगी। इस कारण लोग भ्रदा के बाद बन रहे शुभ मुहूर्त में रात्रि 11 बजकर 26 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर सकेंगे। होलिका दहन के लिए इस बार देर रात तक लोगों को इंतजार करना होगा। फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। होली के दिन चंद्रोदय संध्याकाल 6 बजकर 38 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ समय देर रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान होलिका दहन किया जाएगा। 13 मार्च को भद्रा का साया देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है।
दोपहर से प्रारंभहो जाएगा शिववास योग
फाल्गुन पूर्णिमा यानी होली के दिन दुर्लभशिववास योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से हो रहा है। होली पर पूर्ण रात्रि तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग है। बव और बालव करण का भी योग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। होली के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक है।