कुश अग्रवाल-बलौदाबाजार। हनी ट्रैप दो शब्दों से मिलकर बना है। हनी और ट्रैप। हनी का मतलब शहद होता है और ट्रैप का मतलब जाल। आसान शब्दों में कहें, तो एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया। खूबसूरत युवतियां हाई प्रोफाइल लोगों, दुकानदारों, युवाओं और प्रौढ़ व्यक्तियों को इसका शिकार बनाती हैं और उनसे मोटी रकम वसूल लेती हैं।

बलौदाबाजार नगर, जो जिला मुख्यालय भी है। यहां पर सारे वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं। शासन-प्रशासन की भारी मौजूदगी के बावजूद यहां पर सेक्स रैकेट चल रहा है। बलौदाबाजार की बहुचर्चित सेक्स स्केण्डल की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। इस सेक्स स्केण्डल के पीछे बहुत बड़ी टीम काम कर रही है। पहले तो ये लोग पैसे वाले पुरुषों को मार्क करते हैं फिर उनसे घनिष्ठता बढ़ाते हैं। इसके बाद नगर के लॉज और आउटर के भवनों में उनके पास लड़की भेजी जाती है। वहां पर पूरी रिकॉर्डिंग की जाती है। इसके बाद शिकार को डराने-धमकाने का सिलसिला शुरू होता है। उसे सामाजिक छवि और गृहस्थ जीवन बर्बाद करने की धमकी दी जाती है। इसके अलावा कोर्ट-कचहरी की बात कर डराया जाता है। सेक्स रैकेट का शिकार हो चुका युवक गिरोह को पैसे दे देता है। 
 
लोक-लाज के भय से पुलिस तक नहीं पहुंच रहे मामले

बलौदाबाजार में पिछले 3 महीनों में इस तरह के 5 से ज्यादा मामलों का खुलासा हुआ है। इन मामलों में गिरोह ने एक करोड़ रुपए से ज्यादा वसूल किया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस रैकेट का मास्टरमाइंड बलौदाबाजार में सक्रिय एक बड़ा रसूखदार नेता है। यह नेता महिला दलाल को शिकार चिन्हित करके देता है। वहीं शिकार के फंस जाने पर समझौता कराने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करता है। इस बड़े नेता के साथ महिला दलाल, कुछ पुलिसकर्मी और कुछ फर्जी पत्रकार भी शामिल बताए जा रहे हैं। ये सभी मिलकर शिकार पर दबाव बनाते हैं और वसूली करते हैं।

शिकायत मिलेगी तो अपराधियों को नहीं छोड़ेंगे- पुलिस 

उप पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, किसी भी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी हो, अगर पीड़ित पक्ष शिकायत करता है तो कार्यवाही जरूर होगी।