महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बस्तर संभाग के सातों जिलों के उपभोक्ताओं पर दो अरब का बिजली बिल बकाया है। जिसमें से निजी उपभोक्ताओं पर 65 करोड़ एवं शासकीय विभागों पर 1.35 अरब रूपए का बिल लंबित है। इसकी वसूली के लिए विद्युत कंपनी ने सातों जिलों में डिस्कनेक्शन अभियान शुरू किया। अभियान की टीम ने 5 करोड़ 59 लाख 86 हजार 103 रूपए बकाया के लिए 6 हजार 964 उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटा और इसी दौरान बकयादार 22 हजार 578 उपभोक्ताओं से 10 करोड़ 06 लाख 59 हजार 686 रूपए वसूल किया गया। बिजली बकाएदारों ने विद्युत विभाग का आर्थिक गणित बिगाड़ दिया है। 

जांच करते बिजली विभाग के अधिकारी 

हालत यह है कि हजारों व्यवसायिक उपभोक्ता जहां 65 करोड़ से अधिक धनराशि दबाए बैठे हैं। वहीं सरकारी कार्यालयों पर भी 1.35 अरब रूपए का बकाया है। डिस्कनेक्शन अभियान के दौरान न सिर्फ बिजली कनेक्शन काटी जाएगी, बल्कि बिल नहीं चुकाने वालों पर संपत्ति को कुर्की करने की रणनीति बनाने में विद्युत कंपनी जुटा है। ऐसे उपभोक्ता जिन पर 5000 से अधिक बकाया है, उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रथम चरण में कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को टारगेट किया गया है। हालांकि अभियान के दौरान ईडी अपने टीम के निरीक्षण किया, जिसमें अधीक्षण अभियंता एनके पोयाम, कार्यपालन अभियंता, सहायक एवं कनिष्ठ अभियंता शामिल रहे।

पखांजूर में बिजली विभाग ने काटे कनेक्शन 

पखांजूर में बिजली विभाग ने 49 सरकारी दफ्तरों का बिजली का कनेक्शन काट दिया है। पखांजूर नगर पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय समेत कई सरकारी दफ्तरों की कटी बिजली कनेक्शन,सरकारी दफ्तरों में लगभग 18 लाख बिजली बिल बकाया है। क्षेत्र में 309 कनेक्शनों में व्यक्तिगत और सरकारी दफ्तरों में कुल बकाया 2 करोड़ 47 लाख 50 हजार 84 रुपये है। सभी बकायदारों पर भी कार्यवाही की चेतावनी दी है।

लोगों के मीटर जाएंगे उखाड़े 

बताया जा रहा है कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर विद्युत वितरण केन्द्र के सहायक एवं कनिष्ठ अभियंताओं ने क्षेत्र के शासकीय विभागों को नोटिस दिया कि वे मार्च तक बकाया बिजली बिल का भुगतान करें। नोटिस का ध्यान नहीं देने पर कनेक्शन काटने के बाद मीटर उखाड़े जाएंगे।

अधिकारियों को वसूली के दिए गए निर्देश 

विद्युत कंपनी जगदलपुर क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक एसके ठाकुर ने बताया कि बकाया वसूली के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके लिए क्षेत्र के डीई, एई, जेई को निर्देश दिया कि बकाया की वसूली करें, जिससे बकाया निरंक हो सके। बकाया निरंक होने पर क्षेत्र के अधिकारियों को कंपनी की ओर सम्मानित किया जाएगा।