कुलजोत सिंह संधु -फरसगांव। नेशनल हाइवे 30 बस्तर की लाइफ लाइन  केशकाल घाट एक बार फिर कई वर्षाे के बाद अपनी खूबसूरती में वापस नजर आ रहा है। फूलों की घाटी के नाम से मशहूर केशकाल घाट कुछ सालों से धूलों की घाटी में परिवर्तित हो गई थी। अब फिर से संवारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने राशि स्वीकृत की और वापस फिर फूलों की घाटी में बदल दिया। 

बताया जा रहा है कि, पिछले 10 नवम्बर से 2 जनवरी तक 54 दिनों तक लगातार सभी बस, मालवाहकों को पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर केशकाल घाट में 6 मोड़ो पर कांक्रीटीकरण और 4 मोड़ो में डामरीकरण किया गया है। वहीं घाट में बने दीवालों में बस्तर की लोक परम्पराओं, जलप्रपात, मंदिरों और पशु पक्षियों की वाल पेटिंग के माध्यम से दर्शाया गया है, जो बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है। इस खूबसूरती को छत्तीसगढ़ के साथ-साथ ही पूरा देश निहारेगा। 

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भारी वाहन भी 3 जनवरी से ग़ुजरने लगेंगे

यह नवीनीकरण कार्य 10 नवम्बर से 2 जनवरी तक चला है। 3 जनवरी से केशकाल घाट से होते हुए सभी यात्री बस और भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। जिसके चलते अत्याधिक वाहन इस मार्ग से आवाजही करेंगे। वाहनों का दबाव बनते ही कभी भी जाम की स्थिति बन सकती है। इसलिए प्रशासन को केशकाल घाट में कडे नियम बनाने की आवश्यकता है ताकि जाम की स्थिति उत्पन्न ना हो।