सत्यम शर्मा - राजनांदगांव। गणेश पर्व के बाद पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ आने वाले पर्व नवरात्र को लेकर भी मंदिर समितियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। नौ दिनों के नवरात्र पर्व में पंचांग की वजह से इस बार भी संशय की स्थिति निर्मित हो गई है। कुछ पंचांग में 11 अक्टूबर को ही अष्टमी और नवमी बताया गया है। वहीं कुछ में 12 को दशहरा के साथ नवमी तिथि बताई गई है। पंचांग के फेर में अब मंदिर समितियां दुविधा में फंस गई है। हालांकि प्रदेश की प्रमुख मंदिरों ने नवरात्र को लेकर अपना कार्यक्रम तय कर लिया है। 

रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर और डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर समितियों द्वारा 11 अक्टूबर को अष्टमी हवन एवं 12 अक्टूबर को नवमी पूजन किया जा रहा है। जबकि राजनांदगांव स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर एवं दंतेवाड़ा स्थित दंतेश्वरी मंदिर समिति द्वारा 11 अक्टूबर को ही सुबह अष्टमी हवन कर दोपहर बाद नवमी पूजन किया जाएगा। पंडितों के अनुसार इस बार की नवरात्र में सप्तमी एवं अष्टमी तिथि एक ही दिन होने से ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन पंचांग अनुसार 11 अक्टूबर को है। वहीं 12 अक्टूबर को दशहरा पर्व है, परन्तु उदयमान तिथि के अनुसार कुछ मंदिरों में नवमी दशहरा के दिन ही मनाई जा रही है।

साल में चार नवरात्र

पंडितों के अनुसार सालभर में चार नवरात्रि पर्व होता है। इनमें 2 गुप्त नवरात्रि, एक वासंतिक नवरात्र और एक शारदीय नवरात्रि है। चारों नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व लोकप्रिय है। इसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि के 10वें दिन दशहरा होता है। इस बार 12 अक्टूबर को दशहरा का पर्व है।

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दो पंचांग में अलग- अलग तिथि

पंडितों से मिली जानकारी के अनुसार हिंदी एवं उड़िया पंचांग में अलग-अलग तिथि के उल्लेख की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। बताया गया कि हिंदी पंचांग में उदयमान तिथि को माना जाता है। जबकि उड़िया पंचांग में ऐसा नहीं होता। उड़िया पंचांग में एक ही दिन दो से तीन तिथि भी आ जाती है।

11 को ही नवमी पूजन

दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी परमेश्वर नाथ ने बताया कि, उड़िया पंचांग के अनुसार 11 अक्टूबर को ही अष्टमी एवं नवमी तिथि बताई गई है। इस वजह से मंदिर में 11 को ही अष्टमी हवन एवं नवमी पूजन किया जाएगा।

12 को नवमी पूजन

बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि, 11 अक्टूबर की शाम मंदिर में अष्टमी हवन किया जाएगा। 12 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ ही ज्योति विसर्जन होगा।

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सुबह हवन

पाताल भैरवी मंदिर के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि, मंदिर समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि 11 अक्टूबर को ही सुबह हवन कर दोपहर में नवमी पूजन एवं ज्योत विसर्जन का कार्यक्रम किया जाएगा।

11 को होगा अष्टमी हवन

महामाया मंदिर के अकाउंट ऑफिसर संतोष शर्मा ने बताया कि, महामाया मंदिर समिति द्वारा 11 अक्टूबर को अष्टमी हवन कराया जा रहा है। अगले दिन 12 अक्टूबर को नवमी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।